नई दिल्ली. पश्चिम बंगाल और असम से भारतीय जनता पार्टी को आने वाले चुनाव में बड़ी उम्मीदें हैं। भाजपा को उम्मीद है कि वो न सिर्फ असम में लगातार दूसरा चुनाव जीतेगी, बल्कि उसे पश्चिम बंगाल में भी पहली पार कमल खिलने की आस है। इसीलिए भाजपा के चुनाव प्रचार की कमान खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संभालेंगे। भाजपा से जुड़े एक सूत्र ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पश्चिम बंगाल में 20 रैलियां और असम में 6 रैलियां संबोधित करेंगे। दोनों ही राज्यों से पीएम की रैलियों की बड़ी डिमांड है।
पढ़ें- घोड़े का मना जन्मदिन, मालिक ने 50 पाउंड का काटा केक, दी पार्टी
सूत्रों के अनुसार, रैलियों की योजना इस तरह से बनाई गई है कि पश्चिम बंगाल के सभी 23 जिले और असम के 33 जिले इन रैलियों में कवर हो जाएं। पीएम की रैलियों की डिमांड उन सभी राज्यों से की जा रही है, जहां चुनाव होने हैं। भाजपा नेतृत्व भी रैलियों की मांग को पूरा करने के लिए स्थानीय भाजपा इकाई की उम्मीदों पर खरा उतरने के लिए कमर कस रही है।
पढ़ें- उत्तर प्रदेश में अब नीली क्रांति को बढ़ावा, जानिए कैसे हो सकता है मछली कारोबार से फायदा
कोलकाता में आने वाले 7 मार्च को पीएम मोदी की रैली होनी है। यहां भाजपा के जनरल सेक्रेटरी कैलाश विजयवर्गीय, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुकुल रॉय, जनरल सेक्रेटरी संजय सिंह, राज्यसभा एमपी स्वप्नदास गुप्ता ब्रिगेड परेड ग्राउंड में होने वाली इस रैली की व्यवस्था की जिम्मेदारी खुद देख रहे हैं। चुनाव आयोग द्वारा चुनाव की तारीखों की घोषणा के बाद यह पश्चिम बंगाल में पीएम मोदी की पहली रैली होगी। पश्चिम बंगाल को लेकर भाजपा का आला नेतृत्व बुधवार को दिल्ली स्थित पार्टी मुख्यालय में एक अहम बैठक भी करेगा। इस बैठक में बंगाल को लेकर चुनावी रणनीति की चर्चा की जाएगी और अपेक्षित उम्मीदवारों पर भी चर्चा होने की संभावना है।
पढ़ें- Parents की बिना अनुमति के बच्चों को बुलाया तो स्कूलों की खैर नहीं! जयपुर प्रशासन ने जारी किया निर्देश
आपको बता दें कि पश्चिम बंगाल में विधानसभा के चुनाव आठ चरणों में होने हैं। यहां पहले चरण का मतदान 27 मार्च को होगा जबकि आखिरी चरण का मतदान 29 अप्रैल को होगा। मतों की गिनती 2 मई को की जाएगी। असम में चुनाव तीन चरणों में होगा, यहां पहले चरण का मतदान का मतदान 27 मार्च को होगा, जबकि तीसरे चरण का मतदान 6 अप्रैल को होगा। मतों की गिनती 2 मई को की जाएगी। (ANI)
पढ़ें- मध्य प्रदेश: छात्रों के लिए अच्छी खबर! फीस न देने पर परीक्षा से वंचित नहीं किया जा सकेगा