ममता बनर्जी ने जीता भवानीपुर उपचुनाव, चुनाव आयोग की निषेधाज्ञा घोषणा के बावजूद तृणमूल ने मनाया जश्न
भारत के चुनाव आयोग द्वारा सख्त निषेधाज्ञा के बावजूद, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की जीत के बाद राज्य की राजधानी में व्यापक जश्न मनाया जा रहा है।
कोलकाता: भारत के चुनाव आयोग (ईसीआई) द्वारा सख्त निषेधाज्ञा के बावजूद, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की जीत के बाद राज्य की राजधानी में व्यापक जश्न मनाया जा रहा है। ममता बनर्जी ने 58 हजार से ज्यादा वोट से जीत दर्ज की है। इस तरह से बीजेपी उम्मीदवार प्रियंका टिबरेवाल को भवानीपुर में करारी शिकस्त झेलनी पड़ी है। ममता की जीत से उनके समर्थक बेहद जोश में कोलकाता से सिलीगुड़ी और मुर्शिदाबाद से आसनसोल तक टीएमसी समर्थक होली-दिवाली जैसा जश्न मना रहे हैं।
किसी भी जीत के जश्न/जुलूस की नहीं थी अनुमति
बता दें कि चुनाव आयोग ने रविवार को जारी एक अधिसूचना में कहा था, "पश्चिम बंगाल में चल रहे चुनाव में मतगणना के दौरान या बाद में किसी भी जीत का जश्न/जुलूस की अनुमति नहीं दी जाएगी, जिसके लिए 03.10.2021 को मतगणना हो रही है। सभी आवश्यक कार्रवाई की जानी चाहिए। आयोग के उस निर्देश का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करें जिसमें इस तरह की सभी गतिविधियों को महामारी के मद्देनजर पहले ही प्रतिबंधित कर दिया गया है। इसके अलावा, राज्य सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि पर्याप्त कदम उठाए जाएं ताकि चुनाव के बाद कोई हिंसा न हो।"
'हम लोगों को हटाने के लिए केंद्र सरकार ने रची थी बहुत बड़ी'
ममता बनर्जी ने भवानीपुर से जीत दर्ज करने के बाद कहा कि बंगाल के चुनाव की शुरुआत के साथ ही हम लोगों को हटाने के लिए केंद्र सरकार ने बहुत बड़ी साजिश रची थी। हम लोग आम लोगों के बहुत आभारी हैं कि उन्होंने हमे जिताया। नंदीग्राम चुनाव का जिक्र करते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि वो केस कोर्ट में है, उस मामले में कुछ नहीं कहूंगी। क्या-क्या साजिश नहीं रची गई, मेरे को चोटिल किया गया ताकि चुनाव न लड़ सकूं। उसके बाद उपचुनाव आया। हम चुनाव आयोग के प्रति आभारी हैं कि उन्होंने समय के अंदर चुनाव कराया।
मुख्यमंत्री ने जेसे ही अपने प्रतिद्वंदी से विशाल बढ़त हासिल की थी, तभी पूरे कोलकाता में व्यापक उत्सव मनाया जाना शुरू हो गया था। कामरहटी से तृणमूल विधायक मदन मित्रा ने मुख्यमंत्री की जीत का जश्न मनाने के लिए भवानीपुर क्षेत्र के जादू बाबू के बाजार में एक विशाल रैली का नेतृत्व किया। मीडिया से बात करते हुए, मित्रा ने कहा, "यह भाजपा के अंत की शुरुआत है। भारत अपनी बेटी चाहता है और यह भवानीपुर में फिर से साबित हुआ है।"
इसी तरह का जश्न शहर और जिले में कई जगहों पर देखा गया जहां बड़ी संख्या में लोगों ने इकट्ठा होकर तृणमूल प्रमुख की जीत का जश्न मनाया। तृणमूल कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, "हम जानते हैं कि जीत के जश्न पर प्रतिबंध हैं लेकिन यह लोगों की स्वाभाविक अभिव्यक्ति है। लोग हमारे नेता की जीत को लेकर उत्साहित हैं। हम प्रशासन से भीड़ को नियंत्रित करने का अनुरोध कर रहे हैं।"