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चुनाव आयोग के नोटिस के जवाब में ममता का विवादित बयान, पीएम मोदी के बारे में कही यह बात

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर ऐसा बयान दिया जिस पर बवाल मच गया है। उन्होंने पीएम मोदी पर सीधा हमला किया।

चुनाव आयोग के नोटिस के जवाब में ममता का विवादित बयान, पीएम मोदी के बारे में कही यह बात- India TV Hindi Image Source : PTI चुनाव आयोग के नोटिस के जवाब में ममता का विवादित बयान, पीएम मोदी के बारे में कही यह बात

कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर ऐसा बयान दिया जिस पर बवाल मच गया है। उन्होंने पीएम मोदी पर सीधा हमला किया। चुनाव आयोग की तरफ से नोटिस मिलने के बाद हावड़ा के डोमजूर में ममता ने गुस्से में जैसे आपा खो दिया। उन्होंने पीएम मोदी के बारे में यहां तक कहा कि उन्हें गले में रस्सी बांध कर मारना चाहिए। ममता बनर्जी ने कहा- मेरे खिलाफ शिकायत करने का कोई फायदा नहीं है। नरेंद्र मोदी के खिलाफ कितनी शिकायतें दर्ज हुईं जबकि वो रोज हिंदू-मुस्लिम करते हैं।

आपको बता दें कि चुनाव आयोग ने ममता बनर्जी को मुसलमानों पर दिए बयान के लिए नोटिस दिया था। 48 घंटे में उन्हें जवाब देने को कहा था जिसकी मियाद आज पूरी हो रही है। लेकिन उससे पहले ही ममता ने अपने तेवर दिखा दिए। पीएम मोदी ने भी अपने भाषण में ममता के बयान का जिक्र किया था। आयोग ने नंदीग्राम से बीजेपी उम्मीदवार शुभेंदु अधिकारी को भी नोटिस दिया है। उन्हें जवाब देने के लिए 24 घंटे का वक्त दिया गया, जो आज पूरा हो रहा है। ऐसे में आज ममता और शुभेंदु दोनों के जवाब का इंतजार है।

इससे पहले शुभेंदु अदिकारी के दिए चुनाव आयोग के नोटिस में कहा गया है कि भाकपा (माले) की केंद्रीय समिति की सदस्य कविता कृष्णन की तरफ से शिकायत आई है जिसमें आरोप लगाया है कि 29 मार्च को अधिकारी ने नंदीग्राम में एक जनसभा को संबोधित करने के दौरान ‘नफरत भरा भाषण’ दिया।

आयोग ने आदर्श आचार संहित के दो प्रावधानों का हवाला दिया। एक प्रावधान में कहा गया है कि दूसरे राजनीतिक दलों की आलोचना उनकी नीतियों और कार्यक्रमों, अतीत के रिकॉर्ड और काम तक सीमित होगी। दूसरों दलों या उनके कार्यकर्ताओं की आलोचना असत्यापित आरोपों या मनगढ़ंत आरोपों के आधार पर करने से बचा जाएगा।

दूसरे प्रावधान में स्पष्ट है कि वोट हासिल करने के लिए जाति या सांप्रदाय के आधार कोई अपील नहीं की जाएगी। नोटिस में कहा गया है कि चुनाव आयोग ने पाया है कि आदर्श आचार संहिता के कुछ प्रावधानों का उल्लंघन हुआ है।