कर्नाटक उपचुनाव: भाजपा सरकार को खतरा, कांग्रेस और JDS फिर हाथ मिलाने को तैयार!
महाराष्ट्र में गठबंधन सरकार बनाने के बाद कर्नाटक में कांग्रेस ने स्पष्ट किया कि पांच दिसंबर को होने वाले उपचुनाव में सत्तारूढ़ भाजपा को बहुमत के लिए जरूरी सीटें नहीं मिल पाने की स्थिति में वह एक बार फिर जद (एस) के साथ हाथ मिलाने के विरूद्ध नहीं है।
बेंगलुरु: महाराष्ट्र में गठबंधन सरकार बनाने के बाद कर्नाटक में कांग्रेस ने रविवार को स्पष्ट किया कि पांच दिसंबर को होने वाले उपचुनाव में सत्तारूढ़ भाजपा को बहुमत के लिए जरूरी सीटें नहीं मिल पाने की स्थिति में वह एक बार फिर जद (एस) के साथ हाथ मिलाने के विरूद्ध नहीं है। जद (एस) के नेताओं ने भी ऐसे संकेत दिए हैं कि पार्टी ऐसी संभावनाओं के लिए तैयार है।
कांग्रेस और जद (एस) कर्नाटक में 14 महीने तक गठबंधन सरकार चला चुकी है और दोनों ने मिलकर लोकसभा चुनाव लड़ा था। हालांकि, 17 विधायकों की बगावत के बाद जुलाई में एच डी कुमारस्वामी सरकार गिर गई थी और अब दोनों पार्टियां अलग-अलग उपचुनाव चुनाव लड़ रही हैं।
मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा के नेतृत्व वाली सत्तारूढ़ भाजपा को राज्य की 224 सदस्यीय विधानसभा में बहुमत के लिए 15 निर्वाचन क्षेत्रों में हो रहे उपचुनाव में कम से कम छह सीटें जीतने की जरूरत है। सदन में दो- मास्की और आर आर नगर की सीटें भी रिक्त हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, ‘‘संविधान, लोकतंत्र की रक्षा के लिए और धर्म निरपेक्ष सिद्धांतों के साथ सामाजिक न्याय प्रदान करने के लिए जब स्थिति पैदा होगी, ऐसे मामलों पर हम अपने सहयोगियों और संप्रग भागीदारों के साथ चर्चा के बाद जरूरी कदम उठाएंगे।’’
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘देखते हैं भविष्य में क्या होता है। हमारा ध्यान 15 सीटें जीतने पर है हम आपको बताएंगे। हम नौ दिसंबर को असली तस्वीर बता पाएंगे। हम आपको अच्छी खबर देंगे।’’ खड़गे महाराष्ट्र के कांग्रेस प्रभारी महासचिव हैं, जहां पर पार्टी ने भाजपा को सत्ता से बाहर रखने के लिए शिवसेना और राकांपा के साथ गठबंधन कर सरकार बनाई। उन्होंने कहा कि पड़ोसी राज्य में ऐसा फैसला लोकतंत्र की रक्षा और लोगों के हितों की रक्षा के लिए किया।
उन्होंने कहा, ‘‘आपको हकीकत बताऊं, हमारी अध्यक्ष (सोनिया गांधी) इसके पक्ष में नहीं थीं और चाहती थीं कि हम विपक्ष में रहें लेकिन लोगों, दलों और प्रगतिशील सोच वालों ने हमें भाजपा को सत्ता से बाहर रखने पर ध्यान देने को कहा।’’ उन्होंने कहा कि विधायकों और वाम दलों सहित अन्य पार्टियों की तरफ से दबाव के बाद ‘फासीवादी’ और लोकतंत्र के खिलाफ काम करने वाली भाजपा को सत्ता से बाहर रखने के इरादे से यह फैसला किया गया।
कांग्रेस के एक अन्य नेता जी परमेश्वर ने भी कहा कि अगर हालात पैदा होते हैं तो कांग्रेस और जद (एस) के साथ आने की संभावना है और आलाकमान को इस बारे में विचार और फैसला करना है। उन्होंने कहा, ‘‘नौ दिसंबर को नतीजे के बाद अगर कांग्रेस को ज्यादा और भाजपा को कम सीटें मिलती हैं, तो सरकार गिर जाएगी। इसके बाद हमारे पास दो विकल्प होंगे। एक सरकार नहीं बनाने और बाहर रहने का, दूसरा फिर से जद(एस) के साथ गठबंधन सरकार बनाने के लिए हाथ मिलाने का।''
उन्होंने कहा, ‘‘साथ आने की संभावना है। क्या हम तुरंत मध्यावधि चुनाव कराने की स्थिति में हैं? क्या हमें लोगों पर एक और चुनाव का बोझ डालना चाहिए।’’ जद (एस) संस्थापक एच डी देवगौडा के बेटे कुमारस्वामी ने भी कहा था कि उपचुनाव के बाद राज्य में स्थिर सरकार होगी, हालांकि जरूरी नहीं है कि यह भाजपा की हो। उन्होंने मीडियाकर्मियों से नौ दिसंबर को उपचुनाव के नतीजों तक इंतजार करने को कहा था।