कोलकाता। भारतीय जनता पार्टी ने पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों के लिए कई ऐसे लोगों को अपना प्रत्याशी बनाया है जो समाज के निचले तबके से आते हैं और बहुत गरीबी में अपने परिवार का गुजर-बसर कर रहे हैं। ऐसी ही एक महिला का नाम कलिता माझी है जिसे भारतीय जनता पार्टी ने पश्चिम बंगाल की आउसग्राम विधानसभा सीट से टिकट दिया है। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कलिता माझी को राजनीति में एक मिसाल बताया है।
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय संगठन सचिव बीएल संतोष ने बताया था कि कलिता माझी लोगों के घरों में बर्तन मांजने का काम करती हैं और उनके पति पलंबर का काम करते हैं। बीएल संतोष ने बताया था कि कलिता माझी भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर पंयाचत चुनाव लड़ चुकी हैं और वे एक सक्रिय पार्टी कार्यकर्ता हैं।
कलिता माझी बहुत ही करीब परिवार से आती हैं और उनकी व्यक्तिगत संपत्ति में सिर्फ 6 साड़ी और 5000 रुपए शामिल हैं। अनुसूचित जाती से संबंध रखने वाली कलिता माझी अपने परिवार के साथ एक टूटी झोंपड़ी में रहती हैं।
पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनावों के लिए भारतीय जनता पार्टी ने बांकुरा जिले की सल्तोरा विधानसभा सीट से एक ऐसी महिला प्रत्याशी को उतारा है जिनका नाम भी काफी चर्चा में है। महिला का नाम चंदना बाउरी है और उनके पति एक दिहाड़ी मजदूर हैं जो रोजाना सिर्फ 400 रुपए कमा पाते हैं। चंदना बाउरी ने सल्तोरा सीट से अपना नामांकन भरते समय चुनाव आयोग को जो शपथपत्र दिया है उसके अनुसार उसके खुद के बैंक खाते में सिर्फ 6335 रुपए हैं जबकि उनके पति के खाते में महज 1561 रुपए जमा हैं।
चंदना बाउरी के शपथपत्र के अनुसार उनकी कुल अचल संपत्ति 31985 रुपए है जबकि उनके पति श्रबण की कुल अचल संपत्ति 30311 रुपए है। भाजपा प्रत्याशी चंदना या उनके पति किसी तरह की कृषि जमीन के मालिक नहीं हैं और दिहाड़ी मजदूरी करके अपना परिवार चलाते हैं। जब चंदना के पति मजदूरी के लिए जाते हैं तो वह भी अपने पति के साथ हाथ बंटाती हैं। हालांकि चंदना अपनी पति से ज्यादा पढ़ी हुई है, उनके पति सिर्फ आठवीं पास हैं जबकि चंदना खुद 12वीं तक पढ़ी है। अन्य संपत्ति के नाम पर उनके पास 3 बकरी, 3 गाय और एक झोंपड़ी है। दोनों पति पत्नी मनरेगा कार्ड होल्डर भी हैं।