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Hindi News लोकसभा चुनाव 2024 इलेक्‍शन न्‍यूज ममता बनर्जी के विपक्षी दलों को पत्र लिखने पर बोले जेपी नड्डा, 'उन्होंने मान लिया, नाव डूब रही है'

ममता बनर्जी के विपक्षी दलों को पत्र लिखने पर बोले जेपी नड्डा, 'उन्होंने मान लिया, नाव डूब रही है'

पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों की गहमा-गहमी के बीच तृणमूल कांग्रेस (TMC) प्रमुख और राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा विपक्षी दलों को लिखे पत्र पर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा ने प्रतिक्रिया दी।

ममता के विपक्षी दलों को पत्र लिखने पर बोले जेपी नड्डा, 'उन्होंने मान लिया, नाव डूब रही है'- India TV Hindi Image Source : PTI ममता के विपक्षी दलों को पत्र लिखने पर बोले जेपी नड्डा, 'उन्होंने मान लिया, नाव डूब रही है'

कोलकाता/नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों की गहमा-गहमी के बीच तृणमूल कांग्रेस (TMC) प्रमुख और राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा विपक्षी दलों को लिखे पत्र पर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, "इस समय सभी को इकट्ठा करना और कहना की मोदी के खिलाफ एकजुट हो जाओ। इससे एक बात स्पष्ट होती है कि ममता बनर्जी ने मान लिया है कि पश्चिम बंगाल में उनकी नाव डूब रही है, वो मुसीबत में हैं।उन्होंने (ममता बनर्जी) जो पत्र लिखा है ये उनके डूबते हुए जहाज को बचाने का प्रयास है।"

गौरतलब है कि ममता बनर्जी ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, NCP अध्यक्ष शरद पवार, DMK अध्यक्ष एमके स्टालिन, RJD नेता तेजस्वी यादव, शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे, AAP संयोजक अरविंद केजरीवाल, BJD प्रमुख नवीन पटनायक को पत्र लिखकर भाजपा के खिलाफ एकजुट होनी की अपील की है। ममता बनर्जी ने पत्र में लिखा, "मेरा मानना ​है कि लोकतंत्र और संविधान पर भाजपा के हमलों के खिलाफ एकजुट होकर प्रभावी ढंग से संघर्ष करने का समय आ गया है।"

बनर्जी ने गैर-भाजपा नेताओं को पत्र में लिखा, ‘‘मैं भारत के लोकतंत्र और संवैधानिक संघवाद पर भाजपा और केन्द्र में उसकी सरकार द्वारा हमलों को लेकर अपनी गंभीर चिंताओं से अवगत कराने के लिए आपको, और गैर-भाजपा दलों के कई नेताओं को पत्र लिख रही हूं।’’ राष्ट्रीय राजधानी राज्यक्षेत्र शासन (संशोधन) विधेयक 2021 को संसद के दोनों सदनों द्वारा पारित किये जाने का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि यह एक ‘‘अत्यंत गंभीर’’ विषय है।

उन्होंने कहा, ‘‘इस कानून के जरिये केन्द्र की भाजपा सरकार ने लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित सरकार की सभी शक्तियों को छीन लिया है और उपराज्यपाल को दिल्ली का अघोषित वायसराय बना दिया गया, जो गृह मंत्री और प्रधानमंत्री के लिए एक प्रतिनिधि (प्रॉक्सी) के रूप में काम कर रहे हैं।’’