योगी की एंट्री के बाद और गर्मायी हैदाराबाद की सियासत, ओवैसी ने वोटरों को दिया 'अली' का वास्ता
हैदराबाद निकाय चुनाव की जंग बेहद दिलचस्प हो गई है। दक्षिण के विजयरथ पर निकली बीजेपी ने स्थानीय चुनाव को राष्ट्रीय चुनाव में बदल दिया है।
हैदराबाद निकाय चुनाव की जंग बेहद दिलचस्प हो गई है। दक्षिण के विजयरथ पर निकली बीजेपी ने स्थानीय चुनाव को राष्ट्रीय चुनाव में बदल दिया है। शनिवार को प्रचार करने पहुंचे यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने सीधे ओवैसी ब्रदर्स पर अटैक किया। वहीं अब ओवैसी बंधु भी पलटवार करने में पीछे नहीं रहे हैं। इस दौरान योगी आदित्यनाथ ने लोगों से हैदराबाद शहर का नाम बदलने का वादा किया तो सीनियर ओवैसी आग बबूला हो गए। योगी ने एक रैली में कहा था कि भाजपा चुनाव जीती तो हैदराबाद का नाम भाग्यनगर कर देंगे। ओवैसी के गढ़ में गरजे योगी, कहा- हैदराबाद का प्राचीन नाम भाग्यनगर क्यों नही हो सकता
एआईएमआईएम सुप्रीमो असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि जो शक्स हैदराबाद का नाम बदलना चाहता है उनकी नस्लें तबाह हो जाएगी। लेकिन नाम नहीं बदलेगा। हम अली के नाम लेवा हैं, हम तुम्हारा नाम तब्दील कर देंगे। मैं आप लोगों को अली का वास्ता देता हूँ आप लोगों को जवाब देना होगा उन लोगों को जो शहर का नाम बदलना चाहते है।
भाजपा ने झोंकी पूरी ताकत
हैदराबाद के निकाय चुनाव में भाजपा ने पूरी ताकत झोंक दी है। यहां गृह मंत्री अमित शाह से लेकर यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ भी हैदराबाद पहुंचे। योगी के जुबानी वार पर सीनियर और जूनियर ओवैसी ने भी खूब पलटवार किया। यहां योगी ने रैली में कहा कि लोग मुझसे पूछ रहे थे क्या हैदराबाद भाग्यनगर हो सकता है? मैंने कहा क्यों नहीं। उन्होंने कहा कैसे, हमने कहा देखिए उत्तर प्रदेश में बीजेपी की सरकार आई हमने फैजाबाद को अयोध्या कर दिया। तो फिर इसका वास्तविक नाम भाग्यनगर क्यों नहीं हो सकता।
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ओवैसी ने किया पलटवार
योगी के बयान पर तिलमिलाए ओवैसी ने कहा कि हर जगह नाम बदल देंगे, अरे तुम्हारा नाम बदल जाएगा, मगर हैदराबाद का नाम नहीं बदलेगा। इंशाल्लाह, ये इनकी सोच है। वो चीफ मिनिस्टर आए यूपी से। वो बोले मैं नाम बदल देता हूं। अरे भाई साहब, आप क्या ठेका लेकर बैठे हुए हैं।
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150 सीटों पर 1 दिसंबर को वोटिंग
जीएचएमसी चुनाव में करीब सात लाख वोटर हैं। जिन पर बीजेपी और AIMIM की नजर है। पिछले चुनाव में टीआरएस को 150 में से सबसे ज्यादा 99 सीटें मिली थी। जबकि AIMIM को 44 सीट, बीजेपी को 4 सीट, कांग्रेस को 2 सीट और टीडीपी को एक सीट मिली थी। ओवैसी का दबदबा पुराने शहर की 60 सीटों पर है। कॉरपोरेशन में अपनी पार्टी का मेयर बनाने के लिए ओवैसी को ओल्ड सिटी से बाहर भी वोट चाहिए। इसीलिए जूनियर ओवैसी ने महाकाली मंदिर के नाम पर वोट मांगने का दांव खेला था। लेकिन बीजेपी के चुनावी गणित से हैदराबाद का गेमप्लान दिलचस्प हो गया है।