बेंगलुरू। कर्नाटक विधानसभा उप चुनावों में पूर्व प्रधानमंत्री एच टी देवेगौड़ा और उनके पुत्र एच डी कुमारस्वामी की पार्टी जनता दल सेक्यूलर को बड़ा झटका लगा है। उप चुनावों में पार्टी का खाता भी नहीं खुल सका है और 3 विधानसभा सीटों पर पार्टी के प्रत्याशी को नोटा (NOTA) से भी कम वोट मिले हैं। इतना ही नहीं जनता दल सेक्यूलर के मत प्रतिशत में भी भारी गिरावट देखने को मिली है। पिछले साल कांग्रेस पार्टी के साथ मिलकर जनता दल सेक्यूलर ने सरकार बनाई थी और एच डी कुमारस्वामी कर्नाटक के मुख्यमंत्री बने थे लेकिन बाद में दोनो पार्टियों के कुछ विधायकों की बगावत सरकार गिर गई थी।
कर्नाटक में 15 सीटों के लिए उप चुनाव हुआ था और जनता दल सेक्यूलर ने 15 सीटों में से 12 पर अपने प्रत्याशी उतारे थे, लेकिन पार्टी का एक भी प्रत्याशी जीत नहीं पाया है। उल्टे येल्लापुर, रानीबेन्नूर और के आर पुरम विधानसभा सीटों पर जनता दल सेक्यूलर प्रत्याशी को NOTA से भी कम वोट मिले हैं। येल्लापुर विधानसभा सीट पर जनता दल सेक्यूलर प्रत्याशी को सिर्फ 1235 वोटों से संतोष करना पड़ा है जबकि NOTA के तहत 1444 वोट गए हैं। रानीबेन्नूर विधानसभा सीट पर तो जेडीएस का प्रत्याशी हजार वोट का आंकड़ा भी पार नहीं कर पाया है, जेडीएस के प्रत्याशी को सिर्फ 979 वोट मिले हैं जबकि नोटा के तहत 1608 वोट गए हैं। कुछ ऐसा ही हाल के आर पुरम विधानसभा का भी रहा है जहां जेडीएस प्रत्याशी को 1138 वोट मिले हैं जबकि नोटा के तहत 3125 वोट गए हैं।
इनके अलावा कगवाड और शिवाजीनगर विधानसभा सीट पर भी जेडीएस प्रत्याशी को बहुत कम वोट मिले हैं। लेकिन कुछ सीटें ऐसी भी रही हैं जहां पार्टी का प्रत्याशी जीत तो नहीं सका है लेकिन अच्छे वोट खींच खींचने में कामयाब हुआ है। जनता दल सेक्यूलर ने कुल 12 सीटो पर चुनाव लड़ा था, जीत किसी सीट पर नहीं हुई, 3 पर वोट नोटा से भी कम रहे, 2 सीटों पर नोटा से थोड़े ज्यादा रहे और बाकी 7 सीटों पर सम्मानजनक वोट मिले।
चुनाव आयोग के मुताबिक शाम 4 बजे तक हुई मतगणना के मुताबिक 15 सीटों में से 12 सीटों के परिणाम घोषित हो चुके थे जिनमें 10 सीटों पर भाजपा और 2 सीटों पर कांग्रेस के प्रत्याशी की जीत हुई थी। बाकी बची हुई 3 सीटों में से 2 पर भाजपा प्रत्याशी आगे थे और 1 सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी की जीत हुई थी जबकि जनता दल सेक्यूलर के हाथ एक भी सीट नहीं लग पायी थी।
मत प्रतिशत की बात करें तो शाम 4 बजे तक हुई मतगणना के मुताबिक भारतीय जनता पार्टी को 50.2 प्रतिशत, कांग्रेस को 31.4 प्रतिशत और जनता दल सेक्यूलर को 12.1 प्रतिशत मत मिले हैं। इनके अलावा नोटा के तहत लगभग 1 प्रतिशत और अन्य के पास 5 प्रतिशत से ज्यादा वोट गए हैं।