कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को बुधवार को नंदीग्राम में चुनाव प्रचार के दौरान चोट लग गई जिसके बाद उन्होंने कहा कि उनके पैर को जानबूझकर कुचला गया है। बनर्जी ने कहा कि उन्हें धक्का दिया गया जिसके चलते उनके पैर में चोट आई है। इस बीच, एक चश्मदीद सामने आया है। मौके पर मौजूद सुमन नाम के एक स्टूडेंट ने बताया, "उनको (ममता बनर्जी) देखने के लिए जनता इकट्ठा हो गई। उन्हें देखने के लिए लोग घेरकर खड़े हो गए। उसी समय उन्हें गर्दन और पैर पर चोट लग गई, धक्का तो नहीं दिया, गाड़ी धीरे-धीरे चल रही थी।"
इस मामले में एक और प्रत्यक्षदर्शी चित्तरंजन दास ने भी ममता बनर्जी के आरोपों को झुठलाया है। दास ने कहा, "मैं मौके पर मौजूद था। मुख्यमंत्री अपनी कार में अंदर बैठी हुई थीं, लेकिन कार का दरवाजा खुला था। एक पोस्टर से टकराकर कार का दरवाजा बंद हो गया। किसी ने दरवाजे को न तो धक्का दिया और न ही छुआ। दरवाजे के पास कोई भी नहीं था।" इस बीच मामले की गंभीरता को देखते हुए चुनाव आयोग ने रिपोर्ट तलब की है।
बता दें कि ममता बुधवार को नंदीग्राम विधानसभा सीट से अपना नामांकन दाखिल किया था और जब चुनाव प्रचार कर रही थीं तब उसी जौरान यह घटना घटी। इस घटना के बाद ममता ने कहा कि 4-5 लोग उनकी कार के पास आए और दरवाजे पर धक्का मारा। वहीं, जब पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को देखने के लिए एसएसकेएम अस्पताल पहुंचे, तो तृणमूल कांग्रेस के समर्थकों ने ‘वापस जाओ’ के नारे लगाए।
वहीं बीजेपी नेता अर्जुन सिंह ने घटना को लेकर ममता के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा है कि वह सहानुभूति बटोरने के लिए नाटक कर रही हैं। ममता के खिलाफ नंदीग्राम से चुनाव लड़ रहे शुभेंदु अधिकारी ने भी सवाल उठाया कि जब ममता बनर्जी को चोट लगी तो सुरक्षाकर्मी कहां थे और लोग उनके इतने करीब कैसे आ गए?
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि सहानुभूति हासिल करने की इस तरह की तरकीब इस बार काम नहीं आएगी। उन्होंने कहा, "ममता बनर्जी राज्य की पुलिस मंत्री हैं और अगर वह सुरक्षित नहीं हैं तो उन्हें तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए।" नंदीग्राम से सीपीएम उम्मीदवार मीनाक्षी मुखर्जी ने मुख्यमंत्री के जल्द ठीक होने की कामना की लेकिन कहा कि लोग इस बार बेवकूफ नहीं बनेंगे।
ये भी पढ़ें