Mamata Banerjee Nandigram Incident: ममता बनर्जी चोट मामले पर EC का बड़ा एक्शन, कई अधिकारियों पर गिरी गाज
पश्चिम बंगाल के नंदीग्राम में चुनाव प्रचार के दौरान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को चोट मामले पर चुनाव आयोग ने रविवार को बड़ी कार्रावई की है। चुनाव आयोग ने IPS विवेक सहाय को निदेशक सुरक्षा के पद से तत्काल प्रभाव से हटा दिया है।
नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल के नंदीग्राम में चुनाव प्रचार के दौरान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को चोट मामले पर चुनाव आयोग ने रविवार को बड़ी कार्रावई की है। चुनाव आयोग ने IPS विवेक सहाय को निदेशक सुरक्षा के पद से तत्काल प्रभाव से हटा दिया है। विवेक सहाय पर जेड प्लस सिक्योरिटी में लापरवाही बरतने को लेकर चुनाव आयोग ने ये कार्रवाई की है। विवेक सहाय पर एक हफ्ते के भीतर चार्ज फ्रेम करने के निर्देश दिए गए हैं। वहीं आयोग ने बंगाल के चीफ सेक्रेटरी को 15 दिन के भीतर जांच पूरी करने का आदेश दिया है।
इस मामले में पूर्वी मेदिनीपुर के डीएम और एसपी पर भी गाज गिरी है। चुनाव आयोग ने पूर्वी मेदिनीपुर के डीएम विभु गोयल और एसपी प्रवीण प्रकाश को सस्पेंड कर दिया है। विभु गोयल को गैर चुनाव पद पर ट्रांसफर कर दिया गया है। सुनील कुमार यादव को पूर्वी मेदिनीपुर का नया एसपी बनाया गया है। वहीं स्मिता पांडे को पूर्वी मेदिनीपुर का डीएम बनाया गया है। बता दें कि, पश्चिम बंगाल के पर्यवेक्षकों और मुख्य सचिव की रिपोर्ट के आधार पर चुनाव आयोग ने यह ऐक्शन लिया है। पूर्वी मेदिनीपुर के एसपी प्रवीण प्रकाश को तत्काल हटाने के बाद उनके खिलाफ ममता की सुरक्षा व्यवस्था में बड़ी खामी के लिए आरोप तय किए जाएंगे।
चुनाव आयोग ने विवेक सहाय को सुरक्षा निदेशक के पद से हटाया और उन्हें निलंबित किया। चुनाव आयोग ने कहा कि "जेड+ प्रोटेक्टी की सुरक्षा के लिए सुरक्षा निदेशक के रूप में अपने प्राथमिक कर्तव्य के निर्वहन में विफल रहने के लिए एक सप्ताह में उनके खिलाफ आरोप तय होना चाहिए।"
रिपोर्ट्स के मुताबिक, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री समेत राज्य के अन्य महत्वपूर्ण लोगों की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार सुरक्षा निदेशक विवेक सहाय का रवैया गैर जिम्मेदार नजर आया। वह खुद बुलेटप्रूफ वाहनों में घूमते हैं जबकि ममता बनर्जी बुलेटप्रूफ के बजाय साधारण वाहन से चलती हैं। चुनाव आयोग का कहना है कि ममता की सुरक्षा व्यवस्था में बड़ी चूक के लिए विवेक सहाय पर आरोप तय किए जाएंगे। रिपोर्ट में बताया गया है कि बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी अक्सर अपनी सुरक्षा की कोई चिंता नहीं करती है और सुरक्षा प्रोटोकॉल तोड़ती रहती हैं। ऐसे परिस्थितियों में उनकी सुरक्षा में चूक होने जैसी आशंका हमेशा बनी रहती है।
चुनाव आयोग के ऐक्शन से पहले आयोग ने एक बैठक की थी, जिसमें बंगाल के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक की उच्च स्तरीय समिति बनाई गई। इस समिति को ममता पर कथित हमले मामले में जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने के लिए कहा गया। चुनाव आयोग ने पूरे मामले की जांच अगले 15 दिनों में पूरी करने और 31 मार्च तक चुनाव आयोग को रिपोर्ट देने का आदेश दिया है।
चुनाव आयोग ने पूर्व डीजीपी इंटेलिजेंस पंजाब अनिल कुमार शर्मा को बंगाल विधानसभा चुनाव के लिए विशेष पुलिस पर्यवेक्षक नियुक्त किया है। एके शर्मा बंगाल चुनाव के लिए दूसरे विशेष पुलिस पर्यवेक्षक होंगे। इससे पहले विवेक दुबे को स्पेशल पुलिस पर्यवेक्षक बनाया गया था। चुनाव आयोग ने नंदीग्राम की इस घटना के बाद सभी पार्टियों के स्टार प्रचारकों के लिए सुरक्षा व्यवस्था और प्रोटोकॉल को लेकर एहतियाती निर्देशिका जारी करने पर भी विचार कर रहा है। इन निर्देशों को स्टार प्रचारकों को मानना पड़ेगा।
चुनाव आयोग ने ममता बनर्जी पर पूर्व नियोजित हमला होने से इनकार किया: सूत्र
चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर नंदीग्राम में पूर्व नियोजित हमला होने की बात से इनकार करते हुए रविवार को संकेत दिये कि सुरक्षा में चूक के चलते उन्हें चोटें आईं। सूत्रों ने यह जानकारी दी।
सूत्रों ने कहा कि आयोग ने दो विशेष चुनाव पर्यवेक्षकों एवं राज्य सरकार की रिपोर्ट की समीक्षा करने के बाद निष्कर्ष निकाला कि तृणमूल कांग्रेस की नेता बनर्जी को जो चोटें आई हैं, वे उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी संभाल रहे कर्मियों की चूक का परिणाम हैं। उन्होंने कहा कि रिपोर्टों के आधार पर चुनाव आयोग निर्देश जारी करेगा। उन्होंने बताया कि स्टार प्रचारक होने के बावजूद बनर्जी बुलेट प्रूफ या बख्तरबंद वाहन का इस्तेमाल नहीं कर रही थीं और यह उनकी सुरक्षा के लिए जिम्मेदार लोगों की चूक है।
सूत्रों ने विशेष चुनाव पर्यवेक्षकों अजय नायक और विवेक दूबे की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि घटना के समय बनर्जी साधारण वाहन का इस्तेमाल कर रही थीं जबकि उनके सुरक्षा निदेशक विवेक सहाय बुलेट प्रूफ कार में सवार थे।
सूत्रों ने कहा कि इसके अलावा घटना जिस स्थान पर हुई, उस इलाके के निर्वाचन अधिकारी की मंजूरी नहीं ली गई थी। इसके चलते चुनाव अधिकारी वीडियोग्राफरों या उड़न दस्ते को तैनात नहीं कर पाए। बनर्जी बुधवार को नंदीग्राम में चुनाव प्रचार के दौरान गिर गई थीं और उनके बाएं पैर एवं कमर में चोटें आई थीं। आरोप है कि अज्ञात लोगों ने उन्हें धक्का दिया था।
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