West Bengal Assembly Polls: बंगाल में क्या बाकी बचे चरणों में एकसाथ होगा मतदान? जानिए चुनाव आयोग ने क्या कहा
पश्चिम बंगाल में हो रहे विधानसभा चुनावों के बाकी बचे 4 चरणों को लेकर चुनाव आयोग ने स्थिति साफ कर दी है। चुनाव आयोग ने गुरुवार को कहा है कि बंगाल में एक साथ चुनाव नहीं कराए जाएंगे, पहले से ही तय तारीखों में मतदान होगा।
West Bengal Vidhan Sabha Chunav 2021: पश्चिम बंगाल में हो रहे विधानसभा चुनावों के बाकी बचे 4 चरणों को लेकर चुनाव आयोग ने स्थिति साफ कर दी है। चुनाव आयोग ने गुरुवार को स्पष्ट करते हुए कहा है कि बंगाल में एक साथ चुनाव नहीं कराए जाएंगे, पहले से ही तय तारीखों में मतदान होगा, एक साथ कराने की कोई योजना नहीं है। दरअसल, कुछ मीडिया रिपोर्ट में ये बात सामने आई थी कि मतदान के बचे हुए चरणों को एक ही चरण में करवाने की योजना चल रही है लेकिन अब चुनाव आयोग ने इस अफवाह को सिरे से नकार दिया है। चुनाव आयोग ने कहा कि ऐसी कोई योजना नहीं है। गौरतलब है कि, बंगाल में 8 चरणों में विधानसभा चुनाव होने हैं जिसमें से 4 चरण के चुनाव संपन्न हो चुके हैं। पांचवें चरण के लिए 17 अप्रैल (शनिवार) को वोटिंग होगी।
चुनाव आयोग ने 16 अप्रैल को सर्वदलीय बैठक बुलाई
बता दें कि, देश में कोरोना के बढ़ते मामलों और रोजाना हो रही मौतों के बाद पश्चिम बंगाल में होने वाले चुनावी रैलियों और रोड शो पर भी सवाल उठने लगे हैं। कई लोगों द्वारा लगातार सवाल उठाए जाने के बाद चुनाव आयोग ने 16 अप्रैल को सर्वदलीय बैठक बुलाई है। पश्चिम बंगाल के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) आरिज आफताब ने 16 अप्रैल को सर्वदलीय बैठक बुलाई है। निर्वाचन आयोग के एक अधिकारी ने बताया कि राज्य में सभी राजनीतिक दलों से बैठक के लिए केवल एक प्रतिनिधि भेजने को कहा गया है। बैठक में बाकी चार चरणों के लिए चुनाव प्रचार से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। उन्होंने कहा कि सामाजिक दूरी और कोविड-19 से जुड़े विभिन्न नियमों के पालन को लेकर चर्चा की जाएगी। अधिकारी ने कहा कि राज्य के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) जग मोहन और राज्य के स्वास्थ्य सचिव एन एस निगम भी बैठक में मौजूद रहेंगे।
कलकत्ता हाई कोर्ट ने दिए थे सख्त आदेश
गौरतलब है कि, बंगाल चुनावों के दौरान कोविड प्रोटोकॉल का पालन हो रहा है या नहीं, इसकी समीक्षा करने के लिए चुनाव आयोग ने सभी राजनीतिक दलों के नेताओं की बैठक बुलाई। जिसमें कई मुद्दों पर चर्चा की गई। बता दें कि, इससे पहले कलकत्ता हाई कोर्ट ने बीते मंगलवार को चुनावी रैलियों में कोविड प्रोटोकॉल के उल्लंघन, सोशल डिस्टेंसिंग आदि की घटनाओं को गंभीरता से लेते हुए चुनाव आयोग की खिंचाई की थी। अदालत ने आयोग से कहा था कि वह सुनिश्चित करे कि चुनाव प्रक्रिया के दौरान कोविड नियमों का पालन सख्ती के साथ हो।
कलकत्ता उच्च न्यायालय ने अपने निर्देश में कहा था कि कोरोना वायरस के मामलों में बढ़ोतरी के मद्देनजर विधानसभा चुनाव के लिए राजनीतिक दलों के प्रचार के संबंध में स्वास्थ्य संबंधी सभी निर्देशों का कड़ाई से पालन होना चाहिए। मुख्य न्यायाधीश टी बी एन राधाकृष्णन की पीठ ने दो जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सभी जिलाधिकारियों को आदेश दिया था कि वे निर्वाचन आयोग और मुख्य निर्वाचन अधिकारी द्वारा जारी निर्देशों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करें।
कलकत्ता उच्च न्यायालय ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी और राज्य में सभी जिलाधिकारियों को चुनाव के बाकी चार चरणों में प्रचार के दौरान कोविड-19 के निर्देशों का पालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था। कलकत्ता हाई कोर्ट ने सभी जिलों के डीएम को आदेश दिया था कि अगर जरूरत पड़े तो वह धारा 144 भी लगा सकते हैं ताकि लोगों की भीड़ जमा होने से बचा जा सके।
बंगाल में भी बढ़ रहे कोरोना के मामले
दरअसल, हर राज्य की तरह पश्चिम बंगाल में भी कोरोना वायरस संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। चुनावी रैलियों और रोड शो में लोगों को लगातार सोशल डिस्टेंसिंग और कोविड प्रोटोकॉल की धज्जियां उड़ाते देखा जा रहा है।
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