नयी दिल्ली: चुनाव आयोग ने शुक्रवार को असम सरकार के मंत्री और बीजेपी नेता हिमंत बिस्व सरमा को बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट के अध्यक्ष एच मोहिलारी के खिलाफ कथित रूप से धमकी भरे बयान देने के मामले में तत्काल प्रभाव से 48 घंटे तक चुनाव प्रचार करने से रोक दिया है। चुनाव आयोग के आदेश के अनुसार, ‘‘आयोग हिमंत बिस्व सरमा के बयानों की कड़ी निंदा करता है। आयोग दो अप्रैल (शुक्रवार) को तत्काल प्रभाव से 48 घंटे के लिए उनके कोई सार्वजनिक सभा करने, सार्वजनिक जुलूस निकालने, रैलियां करने, रोडशो, साक्षात्कार देने और मीडिया में सार्वजनिक बयान देने पर रोक लगाता है।’’
कांग्रेस ने आयोग से सरमा के बयान को लेकर उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। सरमा ने कहा था कि अगर मोहिलारी विद्रोही नेता एम बाथा के साथ उग्रवाद को बढ़ावा देते हैं तो केंद्रीय जांच एजेंसी एनआईए के माध्यम से उन्हें जेल भेजा जाएगा। बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट असम में कांग्रेस का सहयोगी दल है। पहले यह दल बीजेपी के साथ था।
कांग्रेस ने यह आरोप लगाते हुए चुनाव आयोग का रुख किया था कि सरमा ने राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) का दुरुपयोग कर मोहिलरी को जेल भेजने की धमकी दी है। वहीं असम के उदलगुरी जिले में एक मतदान केंद्र पर बीजेपी और उसकी सहयोगी यूपीपीएल पर ईवीएम से छेड़छाड़ करने का आरोप लगाते हुए भीड़ ने एक ईवीएम मशीन को छीनकर ले जाने का प्रयास किया जिस पर पुलिस ने रबड़ की गोलियां चला दीं और दो लोग घायल हो गये। घटना कलईगांव के राजा पाखुड़ी एलपी स्कूल में बृहस्पतिवार रात को घटी। जिला प्रशासन के एक अधिकारी ने बताया कि बृहस्पतिवार को दूसरे चरण के तहत मतदान समाप्त होने के कुछ ही देर बाद भीड़ मौके पर पहुंच गयी।
उन्होंने बताया, ‘‘कुछ ही देर में 500 से ज्यादा लोग मौके पर पहुंच गये और उन्होंने बीजेपी तथा यूपीपीएल के सदस्यों पर ईवीएम में छेड़छाड़ का आरोप लगाते हुए उसे छीनकर ले जाने का प्रयास किया। जिले के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के नेतृत्व में एक पुलिस दल मौके पर पहुंचा। जब भीड़ को शांत नहीं किया जा सका तो बल ने रबड़ की गोलियां वला दीं। इसमें दो लोगों को मामूली चोट आई हैं।’’
बीपीएफ के उम्मीदवार दुर्गा दास बोरो ने मौके पर पहुंचकर भीड़ को शांत कराने का प्रयास किया। बाद में पुलिस टीम की देखरेख में ईवीएम को स्ट्रांगरूम में पहुंचाया गया। बता दें कि विपक्षी कांग्रेस और एआईयूडीएफ ने आरोप लगाया कि ईवीएम की चोरी की गयी जबकि चुनाव आयोग ने चार निर्वाचन अधिकारियों को निलंबित कर दिया और मतदान केंद्र पर पुनर्मतदान का आदेश दिया।
ये भी पढ़ें