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Hindi News लोकसभा चुनाव 2024 इलेक्‍शन न्‍यूज बंगाल BJP चीफ दिलीप घोष को भारी पड़ा ‘सीतलकूची’ पर बयान देना, EC ने लगाया प्रचार पर बैन

बंगाल BJP चीफ दिलीप घोष को भारी पड़ा ‘सीतलकूची’ पर बयान देना, EC ने लगाया प्रचार पर बैन

आदेश में कहा गया है कि निर्वाचन आयोग ने घोष को ‘कड़ी चेतावनी’ दी है और उन्हें आदर्श आचार संहिता लागू होने के दौरान सार्वजनिक टिप्पणी करते समय इस तरह के बयान देने से परहेज करने की सलाह दी।

Dilip Ghosh, Dilip Ghosh Sitalkuchi incident, Dilip Ghosh Banned, EC Bans Dilip Ghosh- India TV Hindi Image Source : PTI चुनाव आयोग ने बीजेपी के पश्चिम बंगाल अध्यक्ष दिलीप घोष के विवादास्पद बयान के लिए उनके प्रचार करने पर 24 घंटे की पाबंदी लगा दी है।

नई दिल्ली: निर्वाचन आयोग ने गुरुवार की शाम भारतीय जनता पार्टी के पश्चिम बंगाल अध्यक्ष दिलीप घोष के विवादास्पद बयान के लिए उनके प्रचार करने पर 24 घंटे की पाबंदी लगा दी। घोष ने कहा था कि ‘कई जगहों पर सीतलकूची जैसी घटनाएं होंगी।’ आदेश में कहा गया है कि निर्वाचन आयोग ने घोष को ‘कड़ी चेतावनी’ दी है और उन्हें आदर्श आचार संहिता लागू होने के दौरान सार्वजनिक टिप्पणी करते समय इस तरह के बयान देने से परहेज करने की सलाह दी।

‘इससे चुनाव प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है’
पश्चिम बंगाल में चौथे चरण के चुनाव के दौरान सीतलकूची विधानसभा सीट पर CISF कर्मी की गोलीबारी में 4 लोगों की मौत हो गई थी। अधिकारियों ने कहा था कि स्थानीय लोगों के हमले के बाद जवानों ने गोलीबारी की थी। पाबंदी 15 अप्रैल के शाम 7 बजे से 16 अप्रैल के शाम सात बजे तक प्रभावी होगी। इस दौरान घोष प्रचार नहीं कर पाएंगे। आदेश में कहा गया कि घोष ने ‘काफी भड़काऊ टिप्पणी की जिससे कानून-व्यवस्था पर गंभीर असर पड़ सकता है और इससे चुनाव प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है।’ आयोग ने मंगलवार को घोष के कथित बयान के लिए उन्हें नोटिस जारी किया था।

‘चुनाव के दौरान हिंसा की घटनाएं हुई हैं’
सीतलकूची में मतदान के दौरान केंद्रीय बलों की गोलीबारी में 4 लोगों की मौत के बाद घोष ने यह टिप्पणी की थी। तृणमूल कांग्रेस ने घोष के बयान के खिलाफ निर्वाचन आयोग का रुख किया था। नोटिस में घोष की कथित टिप्पणी का जिक्र किया गया है, ‘अगर कोई हद पार करेगा तो आपने सीतलकूची में देख लिया कि क्या हुआ। कई जगहों पर सीतलकूची जैसी घटना होगी।’ नोटिस के जवाब में घोष ने कहा, ‘पश्चिम बंगाल में चुनाव के दौरान हिंसा की घटनाएं हुई है।’ घोष ने अपने जवाब में आरोप लगाया कि तृणमूल कांग्रेस के नेताओं द्वारा डर और खौफ का माहौल बनाया गया है जिससे पारदर्शी, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव की प्रक्रिया बाधित हुई है।

अपने बयान के लिए घोष ने जताया खेद
घोष ने अपने जवाब में कहा कि पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष होने के नाते उनका फर्ज है कि वह अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ खड़े रहें और मतदाताओं को बेखौफ होकर मतदान करने के लिए प्रेरित करें। साथ ही कहा कि आचार संहिता, निर्वाचन कानून या भारतीय दंड संहिता की अवज्ञा वाला बयान देने की कभी उनकी मंशा नहीं थी। घोष ने आयोग से कहा कि वह गड़बड़ी पैदा करने वाले और कानून-व्यवस्था पर नकारात्मक असर डालने वाले बदमाशों और असमाजिक तत्वों को नसीहत देना चाहते थे। घोष ने अपने बयान के लिए खेद भी जताया है।