गुवाहाटी: असम में विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं मिलने से नाराज़ बीजेपी के दो विधायकों ने पार्टी से बुधवार को इस्तीफा दे दिया। इन दो विधायकों में विधानसभा के पूर्व उपाध्यक्ष दिलीप कुमार पॉल और शिलादित्य देव शामिल हैं। उन्होंने आरोप लगाया है कि भगवा दल के कुछ नेताओं ने उनके खिलाफ साजिशें रची हैं। इससे पहले बीजेपी नेता और कैबिनेट मंत्री सुम रोंगहांग दीफू विधानसभा सीट से टिकट नहीं मिलने पर पार्टी से इस्तीफा देकर रविवार को विपक्षी दल कांग्रेस में शामिल हो गए थे। बता दें कि बीजेपी ने असम में विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के लिए आज तीन और नामों की घोषणा की जिससे पहले दो चरणों में पार्टी की तरफ से चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों की कुल संख्या 74 हो गई है।
होजई से बीजेपी के विवादास्पद निवर्तमान विधायक शिलादित्य देव की जगह रामकृष्ण घोष को टिकट दिया गया है। देव प्रवासी मुस्लिमों के खिलाफ भड़काऊ टिप्पणी करने और कई बार अपनी पार्टी के सदस्यों के खिलाफ भी टिप्पणी करने के लिए जाने जाते हैं। टिकट नहीं दिए जाने के बाद देव ने अपने फेसबुक पेज पर लिखा, ‘‘अंतत: मुझे बीजेपी से निकाल बाहर किया गया है।’’
सिपाझार से बीजेपी के निवर्तमान विधायक बिनंदा सैकिया को भी टिकट नहीं दिया गया है और दारंग पूर्वी जिले की इस सीट से असम साहित्य सभा के पूर्व अध्यक्ष परमानंद राजबोंगशी को उम्मीदवार बनाया गया है जो हाल में एजीपी छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए थे। पार्टी ने हैलाकांडी से मिलन दास को उम्मीदवार बनाया है। इस सीट पर 2016 में सौम्यजीत दत्ता चौधरी एआईयूडीएफ के उम्मीदवार अनवर हुसैन लश्कर से 2608 वोटों से हार गए थे।
असम में प्रथम दो चरणों में 86 विधानसभा सीटों पर चुनाव हो रहा है जिनमें से 74 पर बीजेपी चुनाव लड़ रही है, जबकि अन्य सीट इसने अपनी सहयोगी पार्टियों असम गण परिषद् (एजीपी) और यूनाईटेड पीपुल्स पार्टी लिबरल (यूपीपीएल) के लिए छोड़ दी है। प्रथम चरण में भगवा दल के 22 निवर्तमान विधायक चुनाव लड़ेंगे, जबकि दूसरे चरण में नौ निवर्तमान विधायकों को उनकी सीटों पर टिकट दिया गया है। असम में 126 सदस्यीय विधानसभा के लिए तीन चरणों में चुनाव होने वाला है।
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