नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव (West Bengal Vidhan Sabha Chunav 2021) की सबसे हॉट नंदीग्राम सीट पर मुकाबला अब और भी दिलचस्प होता जा रहा है। जहां एक ओर 2020 में फीस बढ़ाने के खिलाफ दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) में हुए आंदोलन का चेहरा रहीं छात्र संघ अध्यक्ष आइशी घोष को सीपीएम ने जमुरिया विधानसभा क्षेत्र से प्रत्याशी बनाया है। वहीं सीपीएम ने अपनी यूथ विंग की प्रदेश अध्यक्ष मीनाक्षी मुखर्जी को नंदीग्राम सीट से चुनावी मैदान में उतारा है, जहां से ममता बनर्जी चुनाव लड़ रही हैं।
दुर्गापुर कस्बे की रहने वाली हैं आइशी घोष
बता दें कि, 25 साल की आइशी घोष पश्चिम बर्धवान जिले के ही दुर्गापुर कस्बे की रहने वाली हैं और इस समय जेएनयू में स्कूल ऑफ इंटरनेशनल रिलेशंस से एमफिल/पीएचडी कर रही हैं। आइशी घोष जेएनयू छात्र संघ की पहली मौजूदा अध्यक्ष हैं, जिन्हें विधानसभा में चुनाव लड़ने के लिए उनकी पार्टी ने टिकट दिया गया है। वह सीपीएम की छात्र इकाई एसएफआई की सदस्य हैं और 2019 में छात्र संघ की अध्यक्ष चुनी गई थीं। बता दें कि, वामपंथी संगठनों के दबदबे के बावजूद भी एसएफआई को 13 साल बाद यह पद हासिल हुआ था।
सीपीएम इस बार युवाओं को दे रही मौका
एसएफआई की नेता आइशी घोष का चुनाव लड़ना सीपीएम की ओर से एक नया प्रयोग है। एसएफआई के राष्ट्रीय महासचिव मयूख बिस्वास ने कहा कि ये पहला मौका होगा जब किसी जेएनयू अध्यक्ष को विधानसभा चुनाव में लड़ने के लिए टिकट दिया गया है। हालांकि आइशी घोष के जमुरिया सीट से चुनाव लड़ने को लेकर उन्होंने चिंता भी जाहिर की है। उन्होंने कहा कि जमुरिया कोयला माफिया का अड्डा है ऐसे में आइशी की सुरक्षा एक बड़ी चिंता की बात है। ऐसा पहली बार है, जब बुजुर्ग नेताओं को ही मौका देने के आरोपों का सामना कर रही सीपीएम ने इतनी बड़ी संख्या में युवाओं को मौका दिया है। पार्टी ने एसएफआई के स्टेट सेक्रेटरी सृजन भट्टाचार्जी को भी हुगली जिले की सिंगूर सीट से चुनावी समर में उतारा है। यहां टीएमसी को कड़ी चुनौती मिल रही है।
ममता बनर्जी को टक्कर देंगी मीनाक्षी मुखर्जी
सीपीएम ने पश्चिम बंगाल की सबसे हॉट सीट मानी जाने वाली नंदीग्राम सीट से भी उम्मीदवार की घोषणा कर दी है। सीपीएम ने अपनी यूथ विंग डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया की प्रदेश अध्यक्ष मीनाक्षी मुखर्जी को चुनावी मैदान में उतारा है। मीनाक्षी की ममता बनर्जी को टक्कर देंगी।