नई दिल्ली। लोकतंत्र में 1-1 वोट की कितनी बड़ी कीमत हो सकती है इसका अंदाजा मध्य प्रदेश और राजस्थान के चुनाव नतीजों से लगाया जा सकता है। मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी को कांग्रेस से सिर्फ कुछ हजार ही वोट कम मिले हैं और उसके हाथ से यह राज्य लगभग निकल गया है। शाम 6.20 बजे तक मध्य प्रदेश की 230 सीटों में से भाजपा 109 और कांग्रेस 113 सीटों पर आगे है या उनके उम्मीदवार जीत गए थे।
मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस को मिले वोटों का अंतर बहुत ज्यादा नहीं है, चुनाव आयोग की वेबसाइट के मुताबिक शाम 6.15 बजे तक भारतीय जनता पार्टी को 1,26,23,543 वोट पड़े हैं जबकि कांग्रेस को 1,26,57,780 वोच मिले, यानि कांग्रेस के वोट भाजपा से सिर्फ 34,237 अधिक दर्ज किए गए। मध्य प्रदेश जैसे बड़े राज्य में कभी भी दोनो पार्टियों के बीच ऐसी कांटे की टक्कर देखने को नहीं मिली थी। शाम 6.15 बजे तक मध्य प्रदेश में भाजपा का वोट प्रतिशत 41.3 प्रतिशत रहा जबकि कांग्रेस का 41.4 प्रतिशत। यानि दोनो पार्टियों को मिलने वाले वोट में 0.1 प्रतिशत का ही अंतर है।
कुछ ऐसा ही हाल राजस्थान में भी देखने को मिला है। राजस्थान में भी भाजपा और कांग्रेस के वोटों का अंतर बहुत कम है, शाम 6.29 बजे तक कांग्रेस को भारतीय जनता पार्टी के मुकाबले 1,47,737 वोट पड़े हैं। प्रतिशत में कहें तो कांग्रेस का वोट शेयर 39.2 प्रतिशत और भाजपा का 38.8 प्रतिशत दर्ज किया गया है।
जानकारों के मुताबिक मध्य प्रदेश और राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी का खेल NOTA के तहत पड़े वोटों से बिगड़ा है, शाम 6.30 बजे तक NOTA के तहत मध्य प्रदेश में 4.62 लाख से ज्यादा और राजस्थान में 4.53 लाख से ज्यादा वोट गिने गए हैं। दोनो ही राज्यों में किसी भी एक दल के पक्ष में अगर NOTA वाले वोट पड़ जाते तो एकतरफा जीत तय थी, लेकिन NOTA के वोटों की वजह से मुकाबला इतना कड़ा हुआ है।