लखनऊ: उत्तर प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने इंडिया टीवी के कार्यक्रम चुनाव मंच में कहा कि उत्तर प्रदेश में इस बार बीजेपी की लहर 2017 से भी बड़ी है। उन्होंने कांग्रेस के बारे में कहा कि वह मन से चुनाव नहीं लड़ रही है।
स्वतंत्र देव सिंह ने कहा-' राजनीतिक क्षेत्र में चुनाव जीतना तो है ही, लेकिन राजनीतिक क्षेत्र में भाजपा काम करती है और उसका अलग उदेश्य और लक्ष्य है। सबसे महत्वपूर्ण जीतने के लिए नेतृत्व कैसा है और नेतृत्व किस आधार पर संगठन को ले जा रहा है। स्वाभाविक है कि राज्य को एक इमानदार मुख्यमंत्री देना है। मैं आपको एक घटना बताता हूं। मैं स्टेशन ट्रेन में बैठने जा रहा था और एक कुली दौड़ता हुआ आया, बोला पहली बार इस राज्य के अंदर आप योगी जी को बधाई दे देना। मेरी बेटी की सिपाही में भर्ती हो गई है। एक भी रुपए की रिश्वत दिए बिना नौकरी मिली है।'
स्वतंत्र देव सिंह ने कहा-' नेता के अंदर 2 चीज आवश्यक है। एक इमानदारी की मुहर लगनी चाहिए और दूसरी जातिवाद की मुहर नहीं लगना चाहिए। नेतृत्व इमानदारी से जनता की सेवा करता है। जनता उसको जीती हुई सीट तो देती ही है और साथ में हारी हुई सीट भी देती है। 2022 में जनता योगी जी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी सत्ता में आएगी।'
बीजेपी किसी परिवार या वंशवाद की पार्टी नहीं है इस बात पर जोर देते हुए स्वतंत्र देवसिंह ने कहा-' भाजपा के कार्यकर्ता का निर्माण करती है, यह वंशवाद या परिवार की पार्टी नहीं है, कार्यकर्ता का निर्माण कैसे होता है इसपर भाजपा का फोकस रहता है।'
स्वतंत्र देव सिंह ने कहा-'उत्तर प्रदेश में हमेशा चुनाव किसी के नेतृत्व, इमानदारी और विकास के आधार पर वोट नहीं दिया गया। सपा थी तो बसपा को निपटाने के लिए वोट किया। बसपा आई तो सपा को निपटाने के लिए वोट किया। लेकिन मोदी जी के आने के बाद यूपी की सभी जातियों को विश्वास हो गया कि यह नेता गरीबों के लिए है और गरीबों की योजनाओं को इमानदारी से हमारे तक पहुंचेगी जिसके कारण सभी जातियां उनपर विश्वास जताती हैं।'
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा-'इस बार भारतीय जनता पार्टी के पक्ष में 2017 से भी ज्यादा बड़ी लहर है। लोग जिस तरह से भाजपा के साथ जुड़ रहे हैं उसे देखते हुए हम कह सकते हैं कि इस बार 2017 से भी बड़ी लहर है।
कांग्रेस से जुड़े एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा-'सोनिया गांधी ने आरएसएस और हिंदू को आतंकवादी कहा, शंकराचार्य जी की गिरफ्तारी करवा दी थी, रामसेतु के अस्तित्व पर सवाल कर दिया था। इस बार कांग्रेस तो मन से चुनाव ही नहीं लड़ रही थी, पिछली बार कम से कम कुछ दिख रहा था।'