ग्वालपोखोर: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी बुधवार को विधानसभा चुनाव में प्रचार करने पहली बार पश्चिम बंगाल पहुंचे। उत्तर दिनाजपुर के ग्वालपोखोर में आयोजित रैली में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह पर जमकर निशाना साधा। राहुल गांधी ने 'सोनार बांग्ला' (स्वर्णिम बंगाल) बनाने के बीजेपी के दावे को धोखा करार देते हुए बुधवार को कहा कि भगवा पार्टी के पास नफरत, हिंसा और भाषा, धर्म, जाति तथा पंथ के आधार पर लोगों को बांटने के अलावा देने के लिये कुछ नहीं हैं। अपनी पहली चुनावी रैली के दौरान गांधी ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर भी निशाना साधा और कहा कि उनकी पार्टी ने कभी टीएमसी की तरह बीजेपी और आरएसएस से गठजोड़ नहीं किया। बनर्जी की पार्टी टीएमसी पहले बीजेपी नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन का हिस्सा रह चुकी है।
राहुल गांधी ने कहा, ''बीजेपी बंगाल की संस्कृति और विरासत को मिटाना और इसे बांटना चाहती है। असम में वे यही कर रहे हैं। तमिलनाडु में वे अपने गठबंधन साझेदार अन्नाद्रमुक के साथ मिलकर ऐसा करने का प्रयास कर रहे हैं। बीजेपी के पास नफरत, हिंसा और विभाजनकारी राजनीति के अलावा देने के लिये कुछ नहीं है।'' सोनार बांग्ला बनाने के बीजेपी के नारे का मजाक उड़ाते हुए गांधी ने इसे धोखा करार दिया और कहा कि वे ''हर राज्य में यही सपना बेचते हैं।''
कांग्रेस नेता ने कहा, ''वे प्रत्येक राज्य में सोनार बांग्ला जैसी बात कहते हैं। लेकिन लोगों को धर्म, जाति और भाषा के आधार पर बांटते रहते हैं। '' गांधी ने बंगाल में ''कट मनी'' की समस्या की निंदा करते हुए कहा, ''आपने टीएमसी को मौका दिया, लेकिन वह नाकाम रही। लोगों को रोजगार के लिये दूसरे राज्यों में जाना पड़ा। यह एकमात्र राज्य है, जहां आपको नौकरी पाने के लिये कटमनी देना पड़ता है।'' कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने टीएमसी के 'खेला होबे' (खेल होगा) नारे का मजाक उड़ाते हुए कहा कि लोगों की सेवा करना और खेल खेलना दोनों अलग-अलग बाते हैं।
उन्होंने कहा, ''हमने कभी बीजेपी और आरएसएस से समझौता नहीं किया। हमारी लड़ाई राजनीतिक ही नहीं बल्कि विचारधारा की भी है। ममता जी के लिये यह केवल राजनीतिक लड़ाई है।'' गांधी ने कहा, ''बीजेपी अच्छी तरह जानती है कि कांग्रेस उसके सामने हथियार नहीं डालेगी। लिहाजा उसने कांग्रेस मुक्त भारत का नारा लगाया। उन्होंने कभी टीएमसी मुक्त भारत का नारा नहीं दिया, क्योंकि वह उसकी पुरानी गठबंधन साझेदार है।'' गांधी ने लोगों से बंगाल में विकास के नए युग की शुरुआत के लिये कांग्रेस-आईएसएफ-वाम गठबंधन को वोट देने की अपील की।
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