नयी दिल्ली: निवर्तमान मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ही असम के अगले मुख्यमंत्री होंगे या बीजेपी उनकी जगह किसी नये चेहरे को प्राथमिकता देगी, इस बारे में पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने आंतरिक चर्चा शुरु कर दी है। संभावना है कि अगले एक दो दिनों में पार्टी इस बारे में कोई निर्णय ले। सोनोवाल के अलावा उनके मंत्रिमंडल सहयोगी हिमंत बिस्व सरमा को भी मुख्यमंत्री पद के मजबूत दावेदारे के रूप में देखा जा रहा है। बीजेपी सूत्रों ने बताया कि इस बारे में पार्टी में आंतरिक मंथन आरंभ जारी है और जल्द ही संसदीय बोर्ड नेता के चयन की प्रक्रिया को सुचारू रूप से संपन्न करने के लिए केंद्रीय पर्यवेक्षकों की नियुक्ति कर सकता है।
बीजेपी विधायक दल की बैठक में केंद्र की ओर से नियुक्त पर्यवेक्षकों की उपस्थिति में विधायक दल का नेता चुना जाता है। सामान्य तौर पर पार्टी के शीर्ष नेताओं की पसंद को ये पर्यवेक्षक विधायकों के सामने रखते है और विधायकों से उस पसंद पर सहमति ली जाती है। सत्ताधारी भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) ने 126 सदस्यीय असम विधानसभा में 74 सीटों पर जीत दर्ज की है।
कांग्रेस के नेतृत्व वाले महाजोत ने 50 सीटों पर कब्जा जमाया। वर्ष 2016 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने अकेले दम 60 सीटों पर कब्जा जमाया था। भाजपा ने चुनाव से पहले यह स्पष्ट नहीं किया था कि सोनोवाल ही राज्य के अगले मुख्यमंत्री होंगे। इसकी वजह से मुख्यमंत्री को लेकर तमाम तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं। ऊपरी असम से संबंध रखने वाले सोनोवाल मृदुभाषी हैं और उनकी साफ सुथरी छवि है जबकि सोनोवाल की छवि एक प्रभावी प्रशासक के साथ राजनीति की गहरी समझ रखने वाले नेता की है।
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