नई दिल्ली: केरल में भारतीय जनता पार्टी (BJP) की तरफ से मुख्यमंत्री उम्मीदवार को लेकर सस्पेंस बना हुआ है। सीएम उम्मीदवार के तौर पर पहले मेट्रोमैन ई श्रीधरन का नाम उछला, लेकिन थोड़ी ही देर में बीजेपी ने खुद ही इसे खारिज कर दिया। बता दें कि केरल का सीएम बनने के सवाल पर 88 साल के मेट्रोमैन ने अपनी इच्छा 26 फरवरी को ही जाहिर कर दी थी, जब वो बीजेपी में शामिल हुए थे। तब उन्होंने अनौपचारिक तौर पर ही कहा था केरल में अगर बीजेपी जीतती है, तो वो सीएम का ओहदा संभाल सकते हैं। 6 दिन बाद 4 मार्च को उनका नाम केन्द्रीय मंत्री वी मुरलीधरन ने प्रस्तावित कर दिया, लेकिन कुछ घंटों में ही बात आई गई हो गई।
गुरुवार शाम 4 बजे केन्द्रीय मंत्री वी मुरलीधरन ने कहा बीजेपी ने श्रीधरन को सीएम उम्मीदवार बनाने का फैसला किया है लेकिन गुरुवार को ही शाम 7 बजे मुरलीधरन का दूसरा बयान आया। उन्होंने कहा, मुझे मीडिया रिपोर्ट्स के जरिए सीएम उम्मीदवार की जानकारी मिली थी यानी तीन घंटे में ही पूरा बयान बदल गया। केरल में भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष के सुरेंद्रन ने भी ई श्रीधरन के नाम की घोषणा की थी।
वहीं, इस पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने चुटकी ली है। उन्होंने कहा, मजेदार, बीजेपी उस इमारत के टॉप फ्लोर पर कौन बैठेगा को लेकर कनफ्यूज है, जो इमारत बननी ही नहीं। केरल में बीजेपी का कोई सीएम नहीं बनेगा
अपनी इमानदार छवि की बदौलत श्रीधरण केरल में काफी लोकप्रिय हैं। 88 वर्षीय ई श्रीधरन 1995 से लेकर 2012 तक दिल्ली मेट्रो के मैनेजिंग डायरेक्टर रह चुके हैं और दिल्ली मेट्रो की सफलता का श्रेय उन्हीं को जाता है। सार्वजनिक परिवहन में उनके योगदान के लिए 2008 में उन्हें भारत सरकार ने पद्म विभूषण और 2001 में पद्मश्री से सम्मानित किया था। वे माता वैष्णो देवी तीर्थ ट्रस्ट के सदस्य भी हैं वे अपने जीवन की सफलता का श्रेय श्रीमद भगवत गीता के सिद्धांतों को देते हैं।
देश की पहली मेट्रो कोलकाता मेट्रो जब 1970 बनने जा रही थी तो उस प्रोजेक्ट की प्लानिंग और डिजाइन का पूरा जिम्मा उन्हें ही सौंपा गया था, उस समय ई श्रीधरन कोलकाता मेट्रो में डिप्टी चीफ इंजीनियर के पद पर तैनात थे। दिल्ली और कोलकाता मेट्रो के अलावा कोच्चि, लखनऊ और जयपुर में मेट्रो सेवा विकसित करने में भी ई श्रीधरन ने योगदान दिया है।