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विधानसभा चुनाव: जानें, चुनाव प्रचार के लिए क्यों सबसे ज्यादा डिमांड में हैं योगी

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इन दिनों कई राज्यों में लागातार चुनावी सभाएं कर रहे हैं।

Assembly Elections 2018: Yogi Adityanath most sought-after chief minister for campaign | Facebook- India TV Hindi Assembly Elections 2018: Yogi Adityanath most sought-after chief minister for campaign | Facebook

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इन दिनों कई राज्यों में लागातार चुनावी सभाएं कर रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी के स्टार प्रचारक योगी राजस्थान, छत्तीसगढ एवं मध्य प्रदेश में प्रचार के लिए ऐसे नेता बनकर उभरे हैं जिनकी सबसे ज्यादा मांग है। इन राज्यों के भाजपा प्रत्याशियों में योगी की काफी डिमांड है और पार्टी का हर उम्मीदवार उन्हें अपने विधानसभा क्षेत्र में बुलाना चाहता है। आखिर योगी में ऐसा क्या है कि उनकी सभाओं के लिए भाजपा प्रत्याशियों में होड़ मची है?

दरअसल, एक तो योगी आदित्यनाथ के नाथ संप्रदाय का इन राज्यों के कुछ इलाकों में अच्छा-खासा प्रभाव माना जाता है, दूसरे वह हिंदुत्व की राजनीति का चेहरा बनकर उभरे हैं। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने सोमवार को बताया कि योगी ने इन 3 राज्यों में पचास से ज्यादा चुनावी सभाओं को संबोधित किया है। उन्होंने कहा, 'हिन्दुत्व का चेहरा बन चुके 46 साल के आदित्यनाथ ने चुनाव वाले तीन राज्यों में 53 जनसभाएं की हैं। इनमें छत्तीसगढ़ में सबसे ज्यादा 21 सभायें शामिल हैं। जबकि यहां पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने नौ जनसभाओं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चार सभाओं को संबोधित किया है।'

एक जनसभा को संबोधित करते यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ | Facebook

इसी तरह मध्य प्रदेश में जहां भाजपा के शिवराज सिंह चौहान चौथी बार सत्ता पाने के लिये संघर्ष कर रहे है, उप्र के मुख्यमंत्री ने 15 जनसभाओं को संबोधित किया है। जबकि शाह ने 25 रैलियों को और प्रधानमंत्री ने 10 सभाओं को संबोधित किया है। चुनाव वाले एक अन्य प्रदेश राजस्थान जहां सात दिसंबर को चुनाव होना है, में मतदाताओं को अपने पक्ष में करने के लिये आदित्यनाथ 17 जनसभाओं को संबोधित करेंगे जबकि प्रधानमंत्री की 10 जनसभाएं होनी हैं।

भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता शलभ मणि त्रिपाठी का का कहना है, ‘आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश निरंतर विकास की ओर अग्रसर है और दूसरे प्रदेशों के लिये विकास की मिसाल बन रहा है। प्रदेश में निवेश हो रहा है, कानून व्यवस्था की स्थिति में पहले की सरकारों की तुलना में तेजी से सुधार हो रहा है। राज्य सरकार ने फरवरी माह में चार लाख करोड़ रूपये के एमओयू (समझौता पत्र) पर हस्ताक्षर किये हैं और जुलाई तक 60 हजार करोड़ रूपये की परियोजनायें धरातल पर उतर आयी हैं।'

उन्होंने कहा कि दूसरे राज्यों में हमारे मुख्यमंत्री की मांग यह दर्शाती है कि उनकी स्वीकार्यता उत्तर प्रदेश के अलावा अन्य राज्यों में भी बहुत है। छत्तीसगढ़ में दो चरणों में 12 और 20 नवंबर को चुनाव हो चुके हैं, जबकि मध्यप्रदेश में 28 नवंबर को चुनाव हो चुके हैं। राजस्थान में 7 दिसंबर को मतदान होगा। (PTI)

 

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