मुंबई। देश में लोकसभा चुनाव खत्म हो चुके हैं और अब सभी की नजर इस साल होने वाले विधानसभा चुनावों पर है। इस साल देश में महाराष्ट्र, हरियाणा और झारखंड में विधानसभा चुनाव होना तय है और जम्मू-कश्मीर के बारे में भी चुनाव आयोग फैसला ले सकता है। इन सभी राज्यों में सबसे बड़ा राज्य महाराष्ट्र है और इस राज्य में लोकसभा चुनावों के दौरान भारतीय जनता पार्टी और शिवसेना गठबंधन ने अधिकतर सीटों पर जीत हासिल की है।
महाराष्ट्र में लोकसभा की 48 सीटें हैं। बीजेपी ने इसमें 23 और शिवसेना ने 18 सीटें जीती। वहीं राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के हिस्से पांच और कांग्रेस को सिर्फ एक सीट मिल पाई। औरंगाबाद की एक सीट ओवैसी की पार्टी AIMIM के खाते में गई।
ये चुनाव भले दिल्ली पर राज के लिए था। लेकिन इसके नतीजे महाराष्ट्र में आने वाली अगली सरकार का रास्ता दिखा गए। लोकसभा चुनाव में अगर हर विधानसभा चुनाव के वोटिंग ट्रेंड को सामने रखें तो बीजेपी-शिवसेना गठबंधन 288 सीटों में से 226 सीटों पर आगे दिखती है, वही कांग्रेस और NCP सिर्फ 56 सीटों पर आगे दिखती है। जबकि 6 सीटों पर अन्य दल आगे नजर आते हैं।
महाराष्ट्र विधानभा में सरकार बनाने के लिए 144 विधायकों के समर्थन की जरूरत है और लोकसभा चुनावों के आधार पर देखें तो भाजपा शिवसेना गठबंधन 226 सीटों पर आगे दिखता है जो जरूरत से 82 सीटें अधिक है।
इतनी बड़ी जीत प्राप्त करने के बावजूद भारतीय जनता पार्टी और शिवसेना के लिए आगे की राह आसान दिखती है, लेकिन महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस सिर्फ इतने से खुश नहीं है, उनकी नजर उन 56 विधानसभा सीटों पर लगी हुई है जिनमें लोकसभा चुनावों के दौरान भाजपा शिवसेना गठबंधन पिछड़ा है। गुरुवार को देवेंद्र फडणवीस ने भाजपा कार्यकर्ताओं से कह दिया है कि वह इसकी तैयारी शुरू कर दें।