2014 के विधानसभा चुनावों में हमने ‘मोदी लहर’ पर लगाम लगा दी थी: उद्धव ठाकरे
पार्टी के मुखपत्र ‘सामना’ को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने दावा किया कि उनकी पार्टी ने 2014 के विधानसभा चुनावों में ‘मोदी लहर’ पर लगाम लगाई थी।
मुंबई: शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने सोमवार को विश्वास जताया कि एक दिन आएगा जब कोई शिवसैनिक महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बनेगा। साथ ही उन्होंने कहा कि उनके बेटे के राजनीति में उतरने का यह मतलब नहीं है कि वह संन्यास ले रहे हैं। पार्टी के मुखपत्र ‘सामना’ को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने दावा किया कि उनकी पार्टी ने 2014 के विधानसभा चुनावों में ‘मोदी लहर’ पर लगाम लगाई थी। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अब इस बहस में जाने का कोई मतलब नहीं है कि उस समय वह भारतीय जनता पार्टी से क्यों अलग हुए थे।
‘पिता से शिवसैनिक को सीएम बनाने का वादा किया था’
महाराष्ट्र चुनावों में इस बार शिवसेना राज्य की 288 विधानसभा सीटों में से 124 पर चुनाव लड़ रही है जबकि उसकी गठबंधन सहयोगी बीजेपी ने 150 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं। बाकी सीटें बीजेपी के हिस्से से छोटे दलों के लिए छोड़ी गई हैं। उद्धव ठाकरे ने इंटरव्यू में कहा, ‘एक दिन कोई शिवसैनिक महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बनेगा, यह एक वादा है जो मैंने अपने पिता और शिवसेना के संस्थापक दिवंगत बालासाहेब से किया था।’ महाराष्ट्र में 21 अक्टूबर को होने वाले विधानसभा चुनावों के लिये उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ने वर्ली विधानसभा सीट से पर्चा दाखिल किया है। यह पहला मौका है जब ठाकरे परिवार का कोई सदस्य चुनाव में उतरा है।
‘मैं सक्रिय राजनीति से संन्यास नहीं ले रहा हूं’
आदित्य का चुनावी मैदान में उतरने से शिवसेना को इस बाद का भी अंदाजा लग जाएगा कि वह जनता का मन जीतने के लिए पार्टी के युवा नेतृत्व की लोकप्रियता पर भरोसा कर सकती है या नहीं। उद्धव ने आगे कहा, ‘आदित्य के विधानसभा चुनाव लड़ने का यह मतलब नहीं है कि मैं सक्रिय राजनीति से संन्यास ले रहा हूं। मैं यहीं हूं।’ इसी मसले पर आगे बात करते हुए उद्धव ठाकरे ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता अजित पवार के परोक्ष संदर्भ में व्यंग्यात्मक रूप से कहा, ‘मैं खेती करने नहीं जा रहा।’ गौरतलब है कि पवार ने हाल ही में विधायक पद से इस्तीफा दिया था और अपने बेटे को सलाह दी थी कि वह राजनीति की जगह खेती करे या कोई कारोबार कर ले।
‘2014 में शिवसेना ने रोकी थी मोदी लहर’
उन्होंने यह भी दावा किया कि 2014 में जब विधानसभा चुनावों से पहले शिवसेना ने बीजेपी से साथ तोड़ा था तब उनकी पार्टी ‘मोदी लहर’ पर लगाम लगाने में कामयाब रही थी जबकि पूरे देश में बीजेपी ने शानदार प्रदर्शन किया था। उन्होंने कहा, ‘अब भाजपा और शिवसेना के (2014 चुनाव) अलग-अलग लड़ने के पीछे के कारणों पर चर्चा का कोई मतलब नहीं है। यह एक जंग थी। राष्ट्रीय स्तर पर एक ‘लहर’ थी, लेकिन महाराष्ट्र में हमने उस पर लगाम लगाई। सत्ता में रहने के बावजूद, हमने हमेशा आम आदमी के मुद्दों को लेकर आवाज उठाई।’