महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव: भाजपा-शिवसेना गठबंधन सत्ता में बरकरार, एनसीपी की सीटें बढ़ीं
अब तक मिले चुनाव परिणामों एवं रुझानों के मुताबिक 288 सदस्यीय विधानसभा चुनाव में 63 सीटें जीतने के साथ भाजपा को 105 सीटें मिलती नजर आ रही हैं। शिवसेना को 56 सीटें मिलती नजर आ रही हैं
मुंबई: महाराष्ट्र में अगले पांच साल के लिये फिर से भाजपा-शिवसेना गठबंधन की सरकार बनती नजर आ रही है। विधानसभा चुनाव के नतीजे और रुझानों के स्पष्ट होने के बावजूद एक पूर्व मुख्यमंत्री ने भाजपा के मंसूबों पर पानी फेरने के इरादे से शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस के गठबंधन की ‘‘रोचक संभावना’’ जतायी। अब तक मिले चुनाव परिणामों एवं रुझानों के मुताबिक 288 सदस्यीय विधानसभा चुनाव में 63 सीटें जीतने के साथ भाजपा को 105 सीटें मिलती नजर आ रही हैं। शिवसेना को 56 सीटें मिलती नजर आ रही हैं, इनमें 44 सीटों पर घोषित परिणाम में वह जीत दर्ज कर चुकी है। एनसीपी को 54 सीटें मिलती दिख रही हैं और इनमें 39 पर घोषित नतीजों में उसके प्रत्याशी जीत चुके हैं, जबकि 44 सीटें कांग्रेस के खाते में आने का अनुमान है और इनमें 28 पर घोषित परिणामों में वह जीत चुकी है।
2014 में हुए चुनाव में भाजपा ने 122 सीटों पर जीत दर्ज की थी, शिवसेना ने 63, कांग्रेस ने 42 और राकांपा ने 41 सीटें जीती थीं। भाजपा और शिवसेना ने तब अलग-अलग चुनाव लड़ा था। शिवसेना राज्य में फडणवीस के नेतृत्व वाली सरकार के गठन के करीब एक महीने बाद इसका हिस्सा बनी थी। पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि चुनाव परिणामों ने एक ‘‘रोचक संभावना’’ दिखायी है, हालांकि वह यह कहने से बचते नजर आये कि महाराष्ट्र में अगली सरकार के गठन में क्या कांग्रेस और राकांपा शिवसेना से हाथ मिलायेंगे, जिसे वह (भाजपा की तुलना में) ‘कम शत्रु’ मानते हैं।
2014 के चुनाव की तुलना में सीटों की संख्या में इजाफा के संदर्भ में शरद पवार के नेतृत्व वाली राकांपा सबसे बेहतर प्रदर्शन करने वाली पार्टी के तौर पर उभरी है जबकि भाजपा के आंकड़े में उल्लेखनीय गिरावट आयी है। हालांकि इससे मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के उत्साह में कोई कमी नहीं आयी है जिन्होंने यह घोषणा की थी कि भाजपा-शिवसेना गठबंधन राज्य में अगले कार्यकाल में भी शासन करेगी। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे अपने बेटे आदित्य की प्रचंड चुनावी जीत से प्रफुल्लित नजर आ रहे हैं और उन्होंने भाजपा को याद दिलाया कि उसने अपने वादों को पूरा नहीं किया है। मुख्यमंत्री का पद किस पार्टी को मिलेगा इस पर ठाकरे ने कहा, ‘‘यह समय भाजपा को उस फॉर्मूले की याद दिलाने का है जब भाजपा प्रमुख अमित शाह मेरे घर आये थे। हमलोग गठबंधन के लिये 50-50 के फॉर्मूले पर सहमत हुए थे।’’ ठाकरे ने कहा, ‘‘हमलोग (भाजपा की तुलना में) कम सीट पर चुनाव लड़ने पर सहमत हुए लेकिन मैं हर वक्त भाजपा के लिए गुंजाइश नहीं बना सकता। मुझे अपनी पार्टी को बढ़ाना है।’’
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि 2014 के विधानसभा चुनाव की तुलना में 2019 में कम सीटें जीतने के बावजूद भाजपा का "स्ट्राइक रेट" इस बार पहले से बेहतर है। भाजपा के नेतृत्व वाली महायुति (महागठबंधन) को ‘‘स्पष्ट एवं निर्णायक जनादेश’’ देने के लिये उन्होंने महाराष्ट्र की जनता का शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि उनकी पार्टी और शिवसेना सत्ता में साझेदारी को लेकर वही करेगी जो उनके बीच ‘‘पहले से तय’’ है। फडणवीस ने कहा कि भाजपा 2014 में 260 सीटों पर चुनाव लड़ी थी और 122 पर जीती थी। उन्होंने कहा, ‘‘इस बार हमने 150 सीटों पर और हमारे सहयोगी दलों ने 114 सीटों पर चुनाव लड़ा। रूझानों के अनुसार हम 105 सीटों पर जीतते दिख रहे हैं। हमारा मत प्रतिशत 2014 में 47 प्रतिशत था जबकि अभी यह 70 प्रतिशत है।’’ उन्होंने कहा कि भाजपा ने 2014 में 28 प्रतिशत मत हासिल किये थे और इस बार समूची 164 सीटों पर करीब 26 प्रतिशत वोट हासिल किए।
पूर्व नौकरशाह एवं सिक्किम के पूर्व राज्यपाल राकांपा प्रत्याशी श्रीनिवास पाटील ने सतारा लोकसभा सीट पर उपचुनाव में उदयनराजे भोसले को हराकर ‘‘सबसे बड़ी’’ जीत दर्ज की। यह चुनाव भी राज्य विधानसभा चुनाव के साथ 21 अक्टूबर को हुआ था। उपचुनाव से पहले भोसले राकांपा छोड़कर भाजपा में शामिल हो गये थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सातारा में एक चुनाव प्रचार रैली को संबोधित भी किया था। विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज करने वाले अहम विजेताओं में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, शिवसेना के आदित्य ठाकरे और विधान परिषद में विपक्ष के नेता धनंजय मुंडे शामिल हैं। धनंजय ने इस रोचक मुकाबले में भाजपा की मंत्री और अपनी चचेरी बहन पंकजा मुंडे को हराया। अब तक प्राप्त रूझानों में फडणवीस के नेतृत्व वाली सरकार के पांच अन्य मंत्री भी पिछड़ते दिख रहे हैं। चुनाव में जीत दर्ज करने वाले अन्य नेताओं में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण और पृथ्वीराज चव्हाण तथा पूर्व उपमुख्यमंत्री अजित पवार शामिल हैं।
चुनाव से पहले दलबदल करने वाले नेताओं की हार हुई है। इस दलबदल में शिवसेना में 11 जबकि भाजपा में आठ नेता शामिल हुए थे। रूझानों एवं नतीजों पर प्रतिक्रिया देते हुए राकांपा प्रमुख शरद पवार ने कहा कि संदेश यही है कि जनता ‘‘सत्ता के अहंकार’’ को पसंद नहीं करती। पवार ने कहा कि जनता ने हालांकि उनकी पार्टी को विपक्ष में रहने का जनादेश दिया है। उन्होंने कहा कि पार्टी महाराष्ट्र में अगली सरकार बनाने की कोशिश नहीं करेगी। पवार ने कहा, ‘‘लोगों ने 220 सीटों (288 सीटों में से) की बात नहीं स्वीकारी। राकांपा जनता के जनादेश को पूरी विनम्रता से स्वीकार करती है। चुनाव परिणाम यह दिखाते हैं कि जनता ने सत्ता के गुरूर को पसंद नहीं किया।’’
शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि उनकी पार्टी और भाजपा महाराष्ट्र में अगली सरकार बनायेगी। उन्होंने दोनों दलों द्वारा पहले से तय ‘‘50:50’’ साझा फॉर्मूले पर अमल पर जोर दिया। राउत ने नयी सरकार के गठन के लिये शिवसेना के विपक्षी पार्टियों के साथ हाथ मिलाने की संभावना को खारिज किया। उन्होंने यहां पत्रकारों को बताया, ‘‘भाजपा और शिवसेना महाराष्ट्र में सरकार बनायेगी।’’ सरकार गठन के लिये शिवसेना के राकांपा और कांग्रेस के साथ हाल मिलाने की संभावनाओं के बारे में पूछे जाने पर राउत ने कहा, ‘‘नहीं, हमने भाजपा के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ा था। हमलोग इस गठबंधन को आगे बढ़ायेंगे। पहले से तय 50-50 के फॉर्मूले में कोई बदलाव नहीं होगा।’’
चुनाव अधिकारियों ने बताया कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव और सतारा लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव के लिये मतदान सोमवार को हुआ था और मतगणना बृहस्पतिवार सुबह आठ बजे शुरू हुई। अधिकारियों ने बताया कि सभी 288 विधानसभा सीटों के लिये मतगणना राज्य में 269 स्थानों पर शुरू हुई। एक्जिट पोल में राज्य में सत्तारूढ़ भाजपा-शिवसेना गठबंधन को आसान जीत का पूर्वानुमान जताया गया था। एक निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि मतगणना ड्यूटी के लिये करीब 25,000 कर्मियों को तैनात किया गया था। उन्होंने बताया कि पुलिस ने सुचारु मतगणना प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिये समुचित व्यवस्था की थी। अधिकारी ने बताया कि सोमवार को हुए मतदान में मतप्रतिशत 61.13 प्रतिशत था जो 2014 के रिकॉर्ड 63.20 प्रतिशत की तुलना में कम था।