कंकवली: महाराष्ट्र की राजनीति में अपनी प्रासंगिकता बनाए रखने के लिए जद्दोजहद कर रहे पूर्व मुख्यमंत्री नारायण राणे मंगलवार को भाजपा में शामिल हो गए। राणे ने अपनी महाराष्ट्र स्वाभिमान पक्ष (एमएसपी) का सत्तारूढ़ पार्टी में विलय भी कर दिया। राणे का गढ़ कोंकण का सिंधुदुर्ग जिला है। वह पिछले कई महीनों से भाजपा में शामिल होने की ‘प्रतीक्षा सूची’ में थे।
इस मौके पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की मौजूदगी में राणे के बड़े बेटे एवं पूर्व सांसद निलेश तथा उनके समर्थक भी भाजपा में शामिल हो गए। राणे के छोटे बेटे और कंकवली सीट से मौजूदा विधायक नितेश भाजपा के टिकट पर फिर से किस्मत आज़मा रहे हैं। फडणवीस ने कहा कि स्वत: भाजपा के सदस्य है। राणे भाजपा की मदद ही से राज्यसभा के सदस्य बने थे।
राणे को ‘आक्रमक और परिश्रमी नेता’ बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘ कुछ दिन पहले नितेश राणे भाजपा में शामिल हुए। आज निलेश भी शमिल हो गए। राणे साहेब राज्यसभा के सदस्य हैं। वह पहले से ही भाजपा के सदस्य हैं।’’ गौरतलब है कि राणे और फडणवीस अपने-अपने भाषणों में शिवसेना का नाम लेने से बचे।
भाजपा की सहयोगी होने के बावजूद शिवसेना ने राणे के पूर्ण करीबी को कंकवली सीट से नितेश के खिलाफ उतारा है। वह 1999 में शिवसेना-भाजपा सरकार में मुख्यमंत्री थे, लेकिन उद्धव ठाकरे के खिलाफ बगावत करने के बाद उन्हें पार्टी से निकाल दिया गया था। इसके बाद उन्होंने कांग्रेस का दामन थाम लिया था और उन्हें कांग्रेस-राकांपा सरकार में मंत्री बनाया गया था।
वह मुख्यमंत्री बनने की महत्वकांक्षा की वजह से पार्टी में लंबे समय तक नहीं रहे और 2017 में उन्होंने कांग्रेस छोड़ दी। इसके बाद उन्होंने एमएसपी का गठन किया और भाजपा नीत राजग का हिस्सा बन गए। राणे ने कहा, ‘‘मैं फडणवीस के काम करने के तरीके से प्रभावित हूं। मैं तेज विकास सुनिश्चित करने के लिए भाजपा में शामिल हो रहा हूं। मैं इस प्रक्रिया में अपने तरीके से योगदान देना चाहता हूं।’’