मुबंई: महाराष्ट्र पुलिस के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक 'एनकाउंटर स्पेशलिस्ट' प्रदीप शर्मा ने इस्तीफा दे दिया है। माना जा रहा है कि प्रदीप अब राजनीति में किस्मत में आजमाएंगे। प्रदीप अपनी 35 साल की पुलिस की सेवा के दौरान काफी सुर्खियों में रहे हैं। वह 150 से अधिक अपराधियों और आतंकियों को मौत की नींद सुला चुके हैं। उन्हें प्रतिष्ठित टाइम पत्रिका भी अपने कवर पेज पर जगह दे चुकी है। वर्तमान में वह ठाणे एंटी एक्सटॉर्शन सेल (एईसी) के प्रमुख हैं। शर्मा ने हाल ही में पुलिस महानिदेशक को अपना इस्तीफे भेजा है और वह फिलहाल राज्य सरकार की ओर से उनकी सेवाएं समाप्त करने की अनुमति का इंतजार कर रहे हैं।
शर्मा के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होने की उम्मीद है। वह उत्तर-पश्चिम मुंबई में अंधेरी निर्वाचन क्षेत्र या पालघर जिले के नालासोपारा से विधानसभा चुनाव लड़ सकते हैं। शर्मा ने हालांकि मीडिया के सामने अपने इस्तीफे की पुष्टि तो कर दी है मगर राजनीति में आने के संबंध में उन्होंने अभी पत्ते नहीं खोले हैं। शर्मा का कहना है कि उन्होंने अभी इस बारे में कुछ तय नहीं किया है। वह फिलहाल अपने एनजीओ पीएस फाउंडेशन के माध्यम से सामाजिक कार्यों में व्यस्त हैं।
शर्मा ने जीवन में उतार-चढ़ाव भी देखे हैं। एक बार 2003 में उनकी व उनके सहयोगियों की हिरासत में एक संदिग्ध आतंकवादी ख्वाजा यूनुस की मौत हो गई, जिससे उन्हें अमरावती स्थानांतरित कर दिया गया। इसके बाद 2008 में माफिया के साथ संबंध व फर्जी एनकाउंटर के आरोपों के बाद उन्हें बर्खास्त भी कर दिया गया था। शर्मा ने हालांकि कानूनी लड़ाई जीती और उन्हें 2016 में पुलिस बल में फिर से बहाल कर दिया गया।
दो साल पहले ही ठाणे एईसी प्रमुख के तौर पर उन्होंने सितंबर 2017 में फरार माफिया डॉन दाऊद इब्राहिम कासकर के छोटे भाई इकबाल को गिरफ्तार कर मुंबई व ठाणे में जबरन वसूली के एक बड़े रैकेट का भंडाफोड़ किया। उत्तर प्रदेश में जन्मे और धुले (महाराष्ट्र) में आकर बसे 59 वर्षीय प्रदीप शर्मा की महाराष्ट्र पुलिस में सेवा मई 2020 तक थी। इसके बाद वह सेवानिवृत्त हो जाते।