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आपने 'गोपाल हेयर कट' के बारे में सुना क्या? MP में आजकल यही चल रहा है!

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव की गर्माहट बढ़ने लगी है। उसी का नतीजा है कि सागर के रहली विधानसभा क्षेत्र में कई युवाओं ने नए तरह का हेयर स्टाइल विकसित किया है।

<p>कई युवाओं ने नए तरह का...- India TV Hindi Image Source : IANS कई युवाओं ने नए तरह का हेयर स्टाइल विकसित किया है।

सागर: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव की गर्माहट बढ़ने लगी है। नेताओं की सभाओं, जनसंपर्क और दावों-वादों का दौर चरम पर है। बुंदेलखंड में प्रचार के तरह-तरह के तरीके अपनाए जा रहे हैं। सागर के रहली विधानसभा क्षेत्र में कई युवाओं ने नए तरह का हेयर स्टाइल विकसित कर लिया है और इसे 'गोपाल हेयर कट' नाम दिया गया है। इन युवाओं ने अपने उम्मीदवार का नाम सिर पर लिखा लिया है। 

सागर जिले के रहली विधानसभा क्षेत्र में भाजपा के गोपाल भार्गव का कांग्रेस के कमलेश साहू से मुकाबला है। दोनों ही प्रमुख दलों के उम्मीदवार और कार्यकर्ता अपने अंदाज में प्रचार कर रहे हैं। कांग्रेस जहां बुंदेलखंड की बदहाली और क्षेत्र की समस्याओं को मुद्दा बनाए हुए है तो वहीं दूसरी ओर भाजपा विकास और आम आदमी को मिली सुविधाओं को गिनाने में लगी है। 

चुनाव प्रचार के शोर और नारों के बीच कुछ युवा खास आकर्षण का केंद्र बन गए हैं। वहीं एक महिला नेत्री भावना कोरी ने तो मतदान से पहले ही बालों का दान कर दिया है। भावना कहती है, "उनकी मन्नत है कि लगातार सात बार से जीत रहे भार्गव इस बार सवा लाख से ज्यादा वोट से जीतें। उन्होंने ये कामना करते हुए अपने केश त्याग दिए हैं।"

इसी तरह सड़कों पर घूमती युवाओं की टोली बरबस हर किसी का ध्यान अपनी ओर खींच लेती है। इन युवाओं के बालों को कुछ इस तरह काटा गया है कि उसमें गोपाल नाम उभरा हुआ है। ‘गोपाल हेयर कट’ कराने वाले नीलेश कुमार का कहना है कि वो जिस व्यक्ति को इस क्षेत्र का विधायक बनाना चाहते हैं, उसे खुले तौर पर स्वीकारने में क्या दिक्कत है। लिहाजा, उन्होंने अपनी भावना व्यक्त करने के साथ सिर पर ही गोपाल लिख लिया है। 

भार्गव इस क्षेत्र के प्रभावशाली नेताओं में गिने जाते हैं। वे खुले तौर पर प्रचार करने भी कम ही निकलते हैं। उनका तर्क है कि जब पूरे समय लोगों के बीच रहते हैं तो चुनाव के समय अतिरिक्त सक्रियता की क्या जरूरत है। 

स्थानीय वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक विनोद आर्य का कहना है, "चुनाव में अजब नजारे देखने को मिलते हैं। रहली में भी इसी तरह का माहौल है। किसी ने केश दान कर दिए हैं तो किसी ने ‘गोपाल हेयर कट’ अपनाया है। ये कार्यकर्ताओं का अपने नेताओं के प्रति भाव व्यक्त करने का तरीका है और मतदाताओं तक अपनी बात पहुंचाने का अंदाज। ये कितना असर करता है, कहा नहीं जा सकता, मगर आकर्षण का केंद्र तो बना ही हुआ है।"