Exclusive: ज्योतिरादित्य सिंधिया का बयान, कहा मैं मुख्यमंत्री बनने के लिए हूं तैयार
मध्य प्रदेश में कांग्रेस की जीत के बाद मुख्यमंत्री पद के लिए पार्टी के दो बड़े नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया और कमलनाथ के बीच खींचतान बढ़ गई है
नई दिल्ली। मध्य प्रदेश में कांग्रेस की जीत के बाद मुख्यमंत्री पद के लिए पार्टी के दो बड़े नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया और कमलनाथ के बीच खींचतान बढ़ गई है। इस बीच ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इंडिया टीवी को एक्सक्लूसिव बयान दिया है, उन्होंने कहा है कि अगर मौका मिले तो वे मुख्यमंत्री बनने के लिए तैयार हैं।
इससे पहले मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में 114 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी कांग्रेस ने बसपा और सपा का समर्थन मिलने के बाद बुधवार की सुबह प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल के समक्ष सरकार बनाने का दावा पेश किया। प्रदेश कांग्रेस समिति के अध्यक्ष कमलनाथ, पार्टी के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया और अन्य के साथ सुबह राजभवन पहुंचे। राज्यपाल पटेल के साथ करीब 20-25 मिनट की मुलाकात के बाद बाहर निकलते हुए दोनों नेताओं ने ‘वी--विक्टरी’ का संकेत दिखाया।
कांग्रेस पार्टी की ओर से जारी एक पत्र के अनुसार, कमलनाथ ने राज्यपाल को लिखा है कि 28 नवंबर को हुए चुनाव में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी के साथ-साथ निर्दलीय ने भी उन्हें समर्थन देने का आश्वासन दिया है। उन्होंने लिखा है, ‘‘ऐसे में बहुमत हमारे साथ है। मैं पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ मिलकर राज्यपाल से अनुरोध करता हूं कि वह मध्यप्रदेश में सरकार बनाने के लिए कांग्रेस पार्टी को आमंत्रित करें।’’
वहीं दूसरी ओर शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार की सुबह स्पष्ट किया था कि भाजाा प्रदेश में सरकार बनाने का दावा पेश नहीं करेगी और वह अपने पद से इस्तीफा देने जा रहे हैं। उसके बाद उन्होंने राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया। मध्यप्रदेश के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी वी एल कांताराव ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘आज सुबह तक सभी 230 सीटों के परिणाम आ गए थे। जिनमें से कांग्रेस के खाते में 114 और भाजपा के खाते में 109 सीटें गई हैं। इसके अलावा मायावती की बहुजन समाजवादी पार्टी को दो सीटें मिली हैं और अखिलेश यादव नीत समाजवादी पार्टी को एक सीट मिली है। चार निर्दलीय उम्मीदवारों को भी चुनाव में जीत हासिल हुई है।’’
हालांकि, भाजपा का इस चुनाव में वोट शेयर कांग्रेस से थोड़ा सा अधिक है, लेकिन सीटों में पिछड़ गई। भाजपा को 41 प्रतिशत वोट मिले, जबकि कांग्रेस को 40.9 प्रतिशत मत मिले। वर्ष 2013 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस एवं भाजपा में प्रतिशतता के आधार पर 8.50 प्रतिशत के अंतर था, जिसे कांग्रेस पाटने में सफल रही। वर्ष 2013 में भाजपा को 44.88 प्रतिशत मत मिले थे, जबकि कांग्रेस को 36.38 प्रतिशत मत मिले थे। भाजपा को इस चुनाव में पिछले विधानसभा चुनाव के मुकाबले 3.88 प्रतिशत मत कम मिले, जबकि कांग्रेस को 4.52 मत अधिक मिले और इस प्रकार कांग्रेस ने इस बार करीब 8.40 प्रतिशत मत पाटने में सफलता प्राप्त की।