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मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव: सूबे की जनता इन तीन बड़े मुद्दों पर तय करेगी अपना वोट

भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस मतदाताओं को अपने पाले में करने के लिए पूरी जोर-आजमाइश कर रही हैं।

मध्य प्रदेश में भाजपा और कांग्रेस की रैलियों की तस्वीरें | Pixabay- India TV Hindi मध्य प्रदेश में भाजपा और कांग्रेस की रैलियों की तस्वीरें | Pixabay

भोपाल: मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनावों के लिए 28 नवंबर को मतदान होना है। इसके पहले भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस मतदाताओं को अपने पाले में करने के लिए पूरी जोर-आजमाइश कर रही हैं। एक तरफ जहां मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अपनी चौथी पारी खेलने के लिए मेहनत कर रहे हैं, तो दूसरी तरफ कांग्रेस की कोशिश है कि 15 सालों के वनवास को खत्म किया जाए। इन सारी कवायदों के बीच कुछ ऐसे मुद्दे हैं, जो इन चुनावों को प्रभावित कर सकते हैं।

युवाओं के लिए बेरोजगारी है बड़ा मुद्दा
मध्य प्रदेश के युवाओं के लिए बेरोजगारी सबसे बड़ा मुद्दा है। इसे लेकर युवा समय-समय पर आक्रोश भी जताते रहे हैं। यही वजह है कि भाजपा और कांग्रेस, दोनों ही पार्टियों ने अपने घोषणापत्र में युवाओं को लुभाने के लिए तमाम वादे किए हैं। इस बार मध्य प्रदेश में 18 से 28 साल के आयु वर्ग में 1 करोड़ 28 लाख वोटर हैं और ये किसी भी पार्टी के सियासी गणित को बना और बिगाड़ सकते हैं। माना जा रहा है कि पिछले 15 साल से सरकार चला रही भाजपा को युवाओं की नाराजगी का सामना करना पड़ सकता है।

भ्रष्टाचार के मुद्दे पर भाजपा को घेर रही कांग्रेस
इन चुनावों में कथित भ्रष्टाचार के आरोप भाजपा के गले की फांस बने हुए हैं। कांग्रेस लगातार शिवराज सरकार को इस मुद्दे पर घेर रही है। मध्यप्रदेश व्यावसायिक परीक्षा मंडल यानी व्यापमं द्वारा मेडिकल कोर्स में प्रवेश के लिए ली गई MPMT परीक्षा एवं सरकारी नौकरियों में भर्ती के लिए ली गई परीक्षाओं में कथित तौर पर भारी धांधली हुई थी, और कांग्रेस ने इसी को सबसे बड़ा मुद्दा बनाया है। मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ ने पिछले दिनों कहा था कि गांवों में गरीबी रेखा में नाम शामिल कराने तक में भ्रष्टाचार है। यह गांव से शुरू होता है और प्रदेश की राजधानी भोपाल तक पहुंचता है।

किसानों के मुद्दे पर भी घिरती रही है सरकार
मध्य प्रदेश पिछले कुछ महीनों में किसानों के आंदोलनों और उनकी समस्याओं को लेकर चर्चा में रहा है। शिवराज सरकार को भी किसानों की नाराजगी के बारे में आभास है, और शायद इसीलिए इस बार पार्टी के घोषणापत्र में किसानों के लिए कई वादे किए गए हैं। इस घोषणापत्र में कहा गया है कि प्रदेश में किसान समृद्ध कॉरिडोर बनाया जाएगा और छोटे किसानों के लिए लघु किसान स्वावलंबन योजना शुरू की जाएगी। आपको बता दें कि कांग्रेस किसानों की बदहाली को मुद्दा बनाकर लगातार शिवराज सरकार को घेरती रही है। अब इस मुद्दे को कांग्रेस भुना पाई या नहीं, यह 11 दिसंबर को वोटों की गिनती के साथ ही पता चल जाएगा।

चुनावों पर इंडिया टीवी की विशाल कवरेज :

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