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मध्य प्रदेश में 1951 में पहली बार हुआ था विधानसभा चुनाव, जानिए कांग्रेस को मिली सीटों सहित रोचक बातें

मध्य प्रदेश में सबसे पहले वर्ष 1951 में विधानसभा चुनाव हुए ते और उस समय राज्य में 1.55 करोड़ मतदाता थे और अब 5 करोड़ से ज्यादा हैं

First Madhya Pradesh Assembly Election was held in 1951- India TV Hindi Image Source : INDIA TV First Madhya Pradesh Assembly Election was held in 1951

नई दिल्ली। मध्य प्रदेश की 15वीं विधानसभा के लिए अगले महीने चुनाव होने हैं, राज्य के 5 करोड़ से ज्यादा मतदाता अगले 5 साल के लिए राज्य की किस्मत का फैसला करेंगे। मध्य प्रदेश में सबसे पहले वर्ष 1951 में विधानसभा चुनाव हुए ते और उस समय राज्य में 1.55 करोड़ मतदाता थे, यानि 67 सालों के दौरान राज्य में मतदाताओं की संख्या में 3 गुना से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है। चलिए जानते हैं कि 1951 में हुए विधानसभा चुनावों के दौरान मध्य प्रदेश में किस दल को कितनी सीटें मिली थीं।

पहली बार हुआ था 45.11% मतदान

चुनाव आयोग के मुताबिक 1951 के दौरान राज्य में कुल मतदाताओं की संख्या 1,55,13,592 थी। इनमें वह मतदाता भी शामिल हैं जिन्होंने एक से ज्यादा विधानसभा सीटों पर मतदान किया था, यानि कुछेक मतदातओं की गिनती एक बार से ज्यादा है। अगर सिर्फ एक बार गिनती करें तो 1951 के विधानसभा चुनावों में मध्य प्रदेश मतदाताओं की कुल संख्या 1,10,75,142 थी। चुनाव आयोग के मुताबिक 1951 के चुनावों में मध्य प्रदेश में 45.11 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मत का इस्तेमाल किया था। 2018 के विधानसफा चुनावों में मध्य प्रदेश के मतदाताओं की संख्या बढ़कर 5,03,34,260 हो गई है।

चुनाव आयोग के मुताबिक उस समय कुल 184 सीटों के लिए मतदान हुआ था और कांग्रेस ने क्लीन स्वीप किया था। कुल 184 में से 148 सीटें कांग्रेस के नाम रही थी। मौजूदा समय की भारतीय जनता पार्टी (BJP) जिस संगठन से निकली है उस ऑल इंडिया भारतीय जन संघ (BJS) को चुनाव में करारी हार का सामना करना पड़ा था। 1951 के चुनाव में जन संघ का एक भी उम्मीदवार चुनाव नहीं जीत पाया था। हालांकि उस समय की सोसिलिस्ट पार्टी (SP) और किसान मजदूर प्रजा पार्टी (KMPP) भारतीय जनसंघ के मुकाबले अच्छा प्रदर्शन करने में कामयाब रही थी। SP को 2 सीटें और KMPP को 8 सीटें मिली थीं।

उस समय की 184 सीटों में सिर्फ 9 सीटें ही अनुसूचित जनजाती के लिए आरक्षित थी, अनुसूचित जाती के लिए कोई सीट आरक्षित नहीं की गई थी। उस समय पड़े कुल 69,97,588 वोटों में सभी वोट वैध थे, एक भी वोट को अवैध करार नहीं दिया गया था।