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करोबो-लड़बो-जीतबो से लड़बो-लड़बो-लड़बो में बदली बंगाल की लड़ाई

पीएम मोदी और अमित शाह दोनों ने मिलकर पहले ही बंगाल में पूरी ताकत झोंक दी थी। आखिरी दौर तक ममता बनर्जी ने भी दोनों से लोहा लेने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी लेकिन आखिरी दौर का मतदान आते-आते ये लड़ाई, करोबो लड़बो जीतबो से लड़बो लड़बो लड़बो में बदल गई।

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नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव के 7वें और आखिरी चरण में 59 सीटों पर देश के कई राज्यों में चुनाव प्रचार आज भी जारी रहेगा लेकिन बंगाल की 9 सीटों पर हो रहा चुनाव प्रचार कल ही थम गया है। चुनाव प्रचार थमने के बाद कल तृणमूल कांग्रेस और बीजेपी के कार्यकर्ता एक बार फिर आमने सामने आ गए। दमदम से बीजेपी के उम्मीदवार और मुकूल राय की गाड़ियों पर महिलाओं ने जबरदस्त पत्थरबाजी की। बंगाल में संग्राम की सारी सीमाएं तो पहले ही टूट गई थी लेकिन कल रात जो बचा रहा गया था टीएमसी वालों ने उसे भी तोड़ दिया।

मुकूल राय और दमदम से बीजेपी उम्मीदवार समिक भट्टाचार्य नगेरबाजार से गुजर रहे थे तभी अचानक से सैकड़ों की भीड़ आ गई और ईंट पत्थर से हमला करने लगे। सुरक्षाकर्मी मुकूल राय और समिक भट्टाचार्य को निकाल कर आगे ले गए और उसके बाद टीएमसी के समर्थक जबदस्त तोड़फोड़ करने लग गए। दरअसल बंगाल का बवाल हर घंटे बढ़ता जा रहा था। अमित शाह के रोड शो में हिंसा के बाद चुनाव आयोग भी एक्शन में आ गया। फैसला लिया गया कि बंगाल में चुनाव प्रचार एक दिन पहले ही खत्म किया जाएगा और उसके बाद गुरुवार को सबने अपने-अपने हमलों की धार तेज कर दी।

चुनाव आयोग के फैसले के बाद ममता बनर्जी जबरदस्त गुस्से में दिखीं। गुरुवार को वो जहां जाती, वहां चुनाव आयोग पर भड़क जाती। रैली का सारा कार्यक्रम बिगड़ गया था। गुरुवार को दमदम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली थी और ममता उसके पहले ही अचानक से दमदम पहुंच गई और उसके बाद उन्होंने पीएम पर जिस तरह से प्रहार किया, सियासत के सारे शिष्टाचार को उन्होंने खत्म कर दिया।

रैली के बाद रात होते-होते ममता बनर्जी कोलकाता में रोड शो करने लग गई। मतलब चुनावी लाउडस्पीकर से पहले पश्चिम बंगाल राजनीति का सबसे बड़ा रणक्षेत्र बन चुका था। पीएम मोदी और अमित शाह दोनों ने मिलकर पहले ही बंगाल में पूरी ताकत झोंक दी थी। आखिरी दौर तक ममता बनर्जी ने भी दोनों से लोहा लेने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी लेकिन आखिरी दौर का मतदान आते-आते ये लड़ाई, करोब लड़बो जीतबो से लड़बो लड़बो लड़बो में बदल गई।

अमित शाह की रैली में उपद्रव बड़ी बात थी लिहाजा बीजेपी आखिरी दौर में यही साबित करने में लगी रही कि बंगाल में प्रशासनिक व्यवस्था सिर्फ बिगड़ नहीं गई है, बर्बाद हो गई है। चुनाव आयोग के फैसले के बाद आज बंगाल में ना अब कोई रैली होगी, ना रोड शो, ना डोर टू डोर कैंपेन और ना ही सोशल मीडिया पर प्रचार। पिछले एक महीने से पीएम और सीएम के बीच जो आरोपों की आंधी चल रही थी, अब वो शांत हो गई है।