नई दिल्ली: लोकसभा चुनावों में ताल ठोकने की तैयारी कर रहे कांग्रेस नेता हार्दिक पटेल को बड़ा झटका लगा है। हाल ही में कांग्रेस में शामिल हुए गुजरात के युवा नेता हार्दिक की सजा निलंबित करने की अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट ने जल्द सुनवाई से इंकार कर दिया है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से विसनगर दंगा मामले में दोषी ठहराए जाने के फैसले पर रोक लगाने की मांग थी। आपको बता दें कि जनप्रतिनिधित्व कानून के चलते 2 साल की सजा पाने वाले हार्दिक अभी चुनाव लड़ने के अयोग्य हैं। गुजरात में 4 अप्रैल को नामांकन की आखिरी तारीख है, ऐसे में हार्दिक का चुनाव लड़ पाना मुश्किल नजर आ रहा है।
जस्टिस अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष इस मामले को तत्काल सुनवाई के लिए पेश किया गया। पीठ में जस्टिस एमएम शांतनागोदर और जस्टिस नवीन सिन्हा भी शामिल हैं। पटेल की ओर से पेश हुए वकील से पीठ ने कहा कि इस याचिका पर तत्काल सुनवाई की जरुरत नहीं है क्योंकि हाई कोर्ट का आदेश पिछले साल अगस्त में आया था। पीठ ने इस याचिका पर तत्काल सुनवाई से इनकार करते हुए कहा, ‘आदेश अगस्त 2018 में पारित हुआ था। अब तत्काल सुनवाई की क्या जरुरत है?’
आपको बता दें कि हार्दिक पटेल ने 2015 के विसपुर दंगा मामले में उन्हें दोषी ठहराये जाने के फैसले पर रोक लगाने की अर्जी खारिज करने के गुजरात उच्च न्यायालय के आदेश को सोमवार को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी। पटेल के वकील उच्च न्यायालय के 29 मार्च के आदेश पर रोक लगाने की मांग की थी, जो उनके लोकसभा चुनाव लड़ने के रास्ते में आड़े आ रहा है। हालांकि पटेल को राहत न देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया।
आपको बता दें कि पटेल ने 12 मार्च को कांग्रेस का दामन थामा था और जामनगर से पार्टी उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ने की तैयारियां शुरू कर दी थीं। नामांकन दाखिल करने की अंतिम तारीख चार अप्रैल है। गुजरात की 26 लोकसभा सीटों के लिए मतदान 23 अप्रैल को होगा।