नई दिल्ली: वामदलों ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान द्वारा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सत्ता में फिर से वापसी करने की इच्छा जताने पर तंज कसते हुए इसे पाकिस्तान के साथ भाजपा के अंदरूनी रिश्तों का सबूत बताया है। माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने इमरान खान के बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि पिछले साल यह खबरें आई थीं कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई मोदी को प्रधानमंत्री के रूप में देखना चाहती है। अब इमरान खान ने भी अपनी इस चाहत का इजहार कर दिया है।
येचुरी ने ट्वीट कर कहा, ‘‘हमारी इस बात पर गंभीर चिंता है कि विदेशी सरकारें हमारी लोकतांत्रिक चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित कर रही हैं। पिछले साल ऐसी रिपोर्ट आई थी कि आईएसआई मोदी को पीएम के रूप में देखना चाहती है और अब पाकिस्तान के पीएम ने भी यही बात कही है।’’
येचुरी ने कहा कि मोदी के चुनाव अभियान में पाकिस्तान ही एक मात्र मुद्दा है जिसमें वह पर्दे के पीछे पाकिस्तान से विपक्ष को जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने इमरान खान के बयान का हवाला देकर कहा कि मगर अब जाहिर हो गया है कि पाकिस्तान असल में किसे भारत का प्रधानमंत्री बनाना चाहता है। उन्होंने कहा कि मोदी एकमात्र प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने अपने सैन्य स्थल पर आईएसआई को बुलाया और वह एकमात्र प्रधानमंत्री हैं जो बिन बुलाए पाकिस्तान पहुंच गए।
भाकपा के राज्यसभा सदस्य डी राजा ने कहा कि इमरान खान किस हैसियत से पड़ोसी मुल्क की सरकार के बारे में बयान दे रहे हैं। राजा ने कहा, ‘‘भारत में सरकार के गठन के बारे में बयान देना इमरान खान का काम नहीं है, यह तय करना भारत की जनता का काम है।’’ उन्होंने कहा कि इमरान खान कैसे जानते हैं कि कोई और सरकार भारत और पाकिस्तान के बीच शांति प्रक्रिया का समर्थन नहीं करेगी। राजा ने कहा कि मोदी को अब देश के सामने यह स्पष्ट करना चाहिए कि इमरान खान उनकी तरफदारी क्यों कर रहे हैं। उन्होंने पूछा कि क्या इमरान खान मोदी के कहने पर उनकी (मोदी) और उनकी पार्टी (भाजपा) की तरफदारी कर रहे हैं?