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राहुल गांधी ने अमित शाह को 'हत्या का आरोपी' कह एक नए विवाद को दिया जन्म

मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले के सिहोरा में आयोजित चुनावी सभा में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह को 'हत्या का आरोपी' कहा।

राहुल गांधी ने अमित शाह को 'हत्या का आरोपी' कह एक नए विवाद को दिया जन्म- India TV Hindi Image Source : PTI राहुल गांधी ने अमित शाह को 'हत्या का आरोपी' कह एक नए विवाद को दिया जन्म

नई दिल्ली: मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले के सिहोरा में आयोजित चुनावी सभा में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह को 'हत्या का आरोपी' कहा। इस बयान से उन्होंने एक और राजनीतिक विवाद को जन्म दे दिया है। कांग्रेस अध्यक्ष ने शाह के बेटे जय शाह को भी निशाने पर लिया और उनके लिए 'जादूगर' शब्द का इस्तेमाल किया।

अमित शाह के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले का जिक्र करते हुए राहुल ने कटाक्ष किया, "हत्या के आरोपी अमित शाह..वाह! क्या शान है..क्या आप लोगों ने जय शाह का नाम सुना है? वह जादूगर हैं, 50,000 रुपये को तीन महीने में 80 करोड़ रुपये बना देते हैं और प्रधानमंत्री देश के युवाओं से कहते हैं कि पकौड़े बेचो।" 

राहुल ने भ्रष्टाचार का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री को खुली बहस की चुनौती दी है, मगर वह तैयार नहीं हैं। उन्होंने कहा, "मात्र 20 मिनट में हिंदुस्तान का प्रधानमंत्री देश की जनता को चेहरा नहीं दिखा पाएंगे। वह डरते हैं, दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा। सदन में हुई बहस के दौरान आंख नहीं मिला पाए थे।"

कांग्रेस अध्यक्ष ने यह बयान ठीक उस दिन दिया है, जब सर्वोच्च न्यायालय ने राफेल सौदे पर उनके बयान को गलत ठहराते हुए उन्हें अवमानना का नोटिस दिया है। यह कोई पहला मौका नहीं है जब राहुल ने अमित शाह को 'हत्या का आरोपी' कहा हो। पिछले महीने भाजपा ने त्रिपुरा के मुख्य निर्वाचन अधिकारी से राहुल गांधी की इस बात को लेकर शिकायत की थी कि त्रिपुरा के खुमुलवंग की रैली में उन्होंने अमित शाह को 'हत्या का आरोपी' कहा।

मई, 2018 में अनुमान लगाया जा रहा था कि वर्ष 2005 के सोहराबुद्दीन शेख की हत्या के मामले में संलिप्तता को लेकर शाह मुश्किल में फंस सकते हैं। उस मामले पर राहुल गांधी ने कहा था, "हिंदुस्तान के लोग यह भूल गए कि भाजपा अध्यक्ष हत्या के आरोपी हैं। यह सत्य है। ईमानदारी और शुचिता की बात वह पार्टी करती है, जिसके अध्यक्ष हत्या के आरोपी रहे हों।" शाह को वर्ष 2014 में इस मामले से बरी कर दिया गया था। वर्ष 2016 में सर्वोच्च न्यायालय ने भी इस मांग को खारिज कर दिया था कि भाजपा अध्यक्ष पर लगे आरोप की फिर से जांच होनी चाहिए।