रतलाम/सोलन/बठिंडा। अंतिम चरण के मतदान से पहले सभी राजनीतिक दल जमकर चुनाव प्रचार कर रहे हैं। पीएम नरेंद्र मोदी ने खुद भाजपा के चुनाव प्रचार की कमान संभाली हुई है। पीएम नरेंद्र मोदी ने सोमवार को मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और पंजाब में चुनाव प्रचार किया। इस दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा।
मध्य प्रदेश के रतलाम में पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, हर घर से (मोदी) लहर चल रही है। पंडित दावा कर रहे हैं कि कोई मोदी लहर नहीं है। दिल्ली से खबरें चलवाई जा रही हैं। शुरू में उन्होंने कहा कि कोई लहर नहीं है। अब मतदान प्रतिशत पहले से ज्यादा है। तो अब वे चिंतित हैं।’’
Image Source : PTIरतलाम में पीएम नरेंद्र मोदी
रतलाम में पीएम नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा उठाते हुए कहा कि बोफोर्स तोप घोटाला, पनडुब्बी घोटाला, हेलीकाप्टर घोटाला, राष्ट्रमंडल खेल घोटाला, टू जी घोटाला, भोपाल जहरीली गैस कांड, जवानों को बुलेट प्रुफ जेकेट नहीं देने, आतंकवाद और नक्सलवाद में जवानों और लोगों की जान जाने जैसे सभी मामलों में कांग्रेस का एक ही जवाब होता है ‘‘हुआ तो हुआ।’’
Image Source : PTIबठिंडा में पीएम नरेंद्र मोदी
पंजाब के बठिंडा में पीएम नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस 50 सीटें जीतने तक के लिए भी संघर्ष कर रही है क्योंकि कांग्रेस नेता भ्रमित (कन्फ्यूज) हैं और उनकी सोच बिखरी हुई (डिफ्यूज) है। इस दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने सिख दंगों को लेकर सैम पित्रोदा द्वारा दिए गए बयान पर राहुल गांधी को घेरते हुए कहा कि राहुल गांधी को 84 के दंगों के मामले में दिये बयान पर कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा को डांटने का दिखावा करने के बजाय खुद इस पर शर्म करनी चाहिए।
Image Source : PTIनरेंद्र मोदी समर्थक
हिमाचल प्रदेश के सोलन में पीएम नरेंद्र मोदी ने जनसभा को संबोधित करते हए कहा, “जो खुद जमानत पर है, वो हर रोज शब्दकोश से नए शब्द खोज पर आपके चौकीदार को गाली दे रहे हैं।, लेकिन आपका चौकीदार उनकी इन गालियों से विचलित होने वाला नहीं है, “आखिरकार हमने भी तो सोलन का मशरूम खाया है”
पीएम नरेंद्र मोदी यहीं नहीं रुके, उन्होंने आगे कहा, “वो अपने पूर्वजों के नाम पर वोट मांगते हैं, लेकिन जब उनके पूर्वजों के गलत काम पर सवाल खड़े होते हैं, वो कहते हैं – ‘हुआ तो हुआ’।”
पीएम नरेंद्र मोदी ने ये भी कहा कि कांग्रेस की पिछली सरकारों के दौरान भारत रक्षा बलों की 70 फीसदी जरूरतों के लिए विदेशों पर निर्भर था। यह जानबूझकर किया गया था, क्योंकि रक्षा सौदे कांग्रेस के लिए एटीएम की तरह थे।