दरभंगा: राष्ट्रीय सुरक्षा और आतंकवाद को नये हिन्दुस्तान का सबसे बड़ा मुद्दा करार देते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को कहा कि यह नया हिन्दुस्तान आतंक के अड्डों में घुस कर मारेगा। पीएम मोदी ने ये बात दरभंगा में आयोजित एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कही। उन्होने आगे कहा, ‘‘हमारे आस-पड़ोस में ही आतंक की फैक्ट्रियां चल रही हैं और ये (विपक्ष) कहते हैं कि आतंकवाद मुद्दा ही नहीं है।’’ मोदी ने विपक्ष को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि महामिलावट करने वालों के लिए आतंकवाद मुद्दा नहीं होगा, लेकिन नए भारत में यह बहुत बड़ा मुद्दा है और नया हिन्दुस्तान आतंक के अड्डों में घुसकर मारेगा।
विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा ‘‘जिस आतंकवाद ने श्रीलंका में 350 से ज्यादा मासूमों की जान ले ली, क्या वह मुद्दा नहीं है? हमारे पड़ोस में आतंक की फैक्ट्री चल रही है और महामिलावटी कहते हैं कि आतंकवाद मुद्दा ही नहीं है। नए भारत में यह बहुत बड़ा मुद्दा है। यह नया हिन्दुस्तान है, यह आतंक के अड्डों में घुसकर मारेगा।’’
उन्होंने कहा कि पिछले 40 वर्ष से जो पैसा गरीबों के कल्याण के लिये खर्च होना चाहिए था, वह आतंकवाद के कारण गोली, बम, बंदूक खरीदने में खर्च हो रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले जो लोग उछल उछल कर, गला फाड़कर एयर स्ट्राइक के सबूत मांग रहे थे, वह अचानक गायब हो गये हैं, जो पहले पाकिस्तान की पैरोकारी करते थे..वह अब मोदी और ईवीएम को गाली देने में जुट गए हैं।
आरक्षण को लेकर विपक्ष के आरोपों को गलत बताते हुए मोदी ने कहा, ‘‘राजग सरकार ने बाबा साहेब के बताए रास्ते को और मजबूत किया है लेकिन वोट के लिए महामिलावटी अफवाहें फैला रहे हैं। मैं आपको भरोसा देता हूं कि जब तक मोदी है, तब तक किसी के हक से कोई छेड़छाड़ नहीं होगी।’’ लोगों से जनादेश मांगते हुए उन्होंने कहा ‘‘हमारा देश मजबूत होना चाहिए। उसके लिए सरकार मजबूत होनी चाहिए। मजबूत सरकार के लिए प्रधानमंत्री मजबूत चाहिए, चौकीदार मजबूत चाहिए।’’
प्रधानमंत्री ने विपक्ष पर कटाक्ष किया ‘‘ये जमीन से कटे हुए हैं जो जनता की नब्ज ही नहीं पहचानते, और तीन चरणों के चुनाव में जनता ने इन्हें वोट के जरिेये समझा दिया है।’’ उन्होंने युवाओं से अपील की कि इक्कीसवीं सदी में जो बेटे-बेटी पहली बार दिल्ली की सरकार चुन रहे हैं, वह हमारे नौजवान इस चुनाव का नेतृत्व कर रहे हैं। वह बस, एक ही बात तय कर चल रहे हैं कि 21 वीं सदी का भारत उनकी आकांक्षाओं के मुताबिक हो।