विपक्षी नेताओं की मंगलवार को मुलाकात, वीवीपीएटी के मुद्दे पर जाएंगे चुनाव आयोग
लोकसभा चुनाव के नतीजे आने से पहले कांग्रेस एवं दूसरे प्रमुख विपक्षी दलों के नेता मंगलवार को अनौपचारिक मुलाकात करेंगे तथा चुनाव आयोग का रुख करेंगे।
नयी दिल्ली: लोकसभा चुनाव के नतीजे आने से पहले कांग्रेस एवं दूसरे प्रमुख विपक्षी दलों के नेता मंगलवार को अनौपचारिक मुलाकात करेंगे तथा चुनाव आयोग का रुख करेंगे। वे इस लोकसभा चुनाव की मतगणना के दौरान वीवीपीएटी का पर्चियों का मिलान उच्चतम न्यायालय के आदेश के मुताबिक करने का आग्रह चुनाव आयोग से करेंगे। विपक्षी नेताओं की अनौपचारिक मुलाकात में कांग्रेस की ओर से अहमद पटेल एवं गुलाम नबी आजाद, तृणमूल कांग्रेस से डेरेक ओब्रायन, राकांपा के शरद पवार, माकपा के सीताराम येचुरी, भाकपा के डी राजा और बसपा के सतीश चंद्र मिश्रा सहित कई नेता शामिल हो सकते हैं।
प्रमुख विपक्षी दलों की यह मुलाकात उस वक्त हो रही है जब आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू पिछले कुछ दिनों से विपक्षी एकजुटता के लिए लगातार मुलाकात कर रहे हैं। नायडू ने सोमवार को कोलकाता में तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी से भी मुलाकात की। इससे पहले वह कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, शरद पवार, सपा प्रमुख अखिलेश यादव और बसपा अध्यक्ष मायावती से मिले थे। सूत्रों का कहना है कि विपक्षी दल के नेता मंगलवार को चुनाव आयोग भी जाएंगे जहां वे चुनाव आयोग से यह आग्रह करेंगे कि वीवीपीएटी पर्चियों के मिलान उच्चतम न्यायालय के आदेश के अनुसार किया जाए और अगर किसी बूथ की पर्चियों का सही मिलान नहीं होता है तो पूरे संसदीय क्षेत्र की वीवीपीएटी पर्चियों की गिनती की जानी चाहिए।
माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘वीवीपीएटी और ईवीएम मिलान के मामले में अंतर रहने की स्थिति के बारे में चुनाव आयोग ने अब तक प्रक्रिया निर्धारित नहीं की है। एक भी ईवीएम, वीवीपीएटी नमूने में अंतर रहने पर चुनावी प्रक्रिया की सत्यनिष्ठा को बरकरार रखने के लिए निर्वाचन क्षेत्र में सभी वीवीपीएटी की गिनती होनी चाहिए।’’ लोकसभा चुनाव के लिए सात चरण में मतदान हुआ है और 23 मई को मतगणना होगी। दरअसल, विपक्ष की याचिका पर उच्चतम न्यायालय ने आदेश दिया है कि हर विधानसभा क्षेत्र के तहत आने वाले किन्हीं पांच बूथों पर वीवीपीएटी पर्चियों का मिलान किया जाएगा। हालांकि कांग्रेस एवं कई अन्य विपक्षी दल लगातार यह मांग उठा रहे थे कि कम से कम 50 फीसदी वीवीपीएटी पर्चियों का मिलान किया जाए।