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मोदी सरकार के पास बचे हैं सिर्फ 70 दिन, उसके बाद शुरू हो जाएगी सबसे बड़ी राजनीतिक लड़ाई

अगर हम 2004, 2009 और 2014 की चुनाव तारीखों को देखें तो आम तौर पर चुनाव आयोग मार्च के पहले हफ्ते में चुनाव तारीखों का ऐलान करता आया है

<p>Only 70 days left with Modi Government before model code...- India TV Hindi Only 70 days left with Modi Government before model code of conduct

नई दिल्ली। 3 राज्यों में भारतीय जनता पार्टी की हार के साथ 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव हाल में खत्म होने के बाद देश में अबतक की सबसे बड़ी राजनीतिक लड़ाई ‘2019 के लोकसभा चुनाव’ शुरू होने जा रही है। अगर हम 2004, 2009 और 2014 की चुनाव तारीखों को देखें तो आम तौर पर चुनाव आयोग मार्च के पहले हफ्ते में चुनाव तारीखों का ऐलान करता आया है।

14वीं लोकसभा के लिए 2004 में चुनाव हुए थे और उस समय चुनाव आयोग ने 29 फरवरी को चुनाव की घोषणा की थी। 2004 में 20 अप्रैल से 10 मई के दौरान चार चरणों में मतदान हुआ था और 543 लोकसभा सीटों के लिए 67 करोड़ मतदाता मतदान के पात्र थे। मतगणना 13 मई 2004 को हुई थी और वोटिंग के लिए पूरी तरह से इलेक्ट्रोनिक वोटिंग मशीनों का इस्तेमाल किया गया था। कुल 13,68,430 वोटिंग मशीनों का इस्तेमाल हुआ था।

2009 Lok Sabha Elections

15वीं लोकसभा की बात करें तो चुनाव आयोग ने 2 मार्च को चुनाव कार्यक्रम का ऐलान किया था जिसके तहत 16 अप्रैल से 13 मई के दौरान 5 चरणों में मतदान हुआ था। उस समय वोटों की गिनती 16 मई को हुई थी।

2004 Lok Sabha Elections

मौजूदा 16वीं लोकसभा के लिए 2014 में चुनाव हुआ था और उस समय चुनाव आयोग ने 5 मार्च 2014 को चुनाव कार्यक्रम की घोषणा की थी। 9 चरणों में मतदान के बाद 16 मई 2014 को वोटों की गिनती हुई थी। 16वीं लोकसभा के लिए चुनाव कार्यक्रम 72 दिन चला था जबकि 15वीं लोकसभा के लिए 75 दिन का कार्यक्रम था।

2014 Lok Sabha Elections

अगर चुनाव आयोग पिछली बार की तरह इस बार भी मार्च के पहले हफ्ते में 2019 के चुनाव कार्यक्रम का ऐलान करता है तो मार्च के पहले हफ्ते से चुनाव आचार संहिता लागू हो जाएगी।

यानि चुनाव आचार संहिता लागू होने से पहले मोदी सरकार के पास 70-71 दिन का ही समय बचा है (59 दिन जनवरी और फरवरी के और 10-11 दिन दिसंबर के) केंद्र सरकार को इन्हीं 70-71 दिन में बचे हुए सारे काम करने हैं, क्योंकि चुनाव आचार संहिता लागू होने के बाद केंद्र सरकार के पास अधिकार नहीं बचेंगे।

चुनाव आचार संहिता लागू होने के बाद सत्तारूढ़ दल सरकारी मशीनरी का इस्तेमाल नहीं कर सकते, मंत्रियों को राजनीतिक दौरों और सरकारी दौरों से अलग रखना पड़ता है। यहां तक की सरकारी योजनाओं के विज्ञापन के लिए सरकारी खजाने का इस्तेमाल भी बंद कर दिया जाता है। सरकार किसी भी तरह के निर्माण के लिए पैसा जारी नहीं कर सकती। यानि चुनाव आचार संहिता लागू होने से पहले मोदी सरकार के पास अब 70-71 दिन का ही समय बचा है, 70 दिन के बाद देश में सबसे बड़ी राजनीतिक लड़ाई शुरू हो जाएगी।