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कोई आश्चर्य नहीं कि प्रियंका गांधी कभी चुनाव नहीं लड़ रही थी

प्रियंका गांधी चुनाव नहीं लड़ रही हैं। कांग्रेस पार्टी ने वाराणसी से अजय राय को टिकट दिया है। लेकिन क्या यह आश्चर्य की बात है? नहीं। हम सब यह जानते थे कि वह चुनाव नहीं लड़ेंगी।

No surprise: Priyanka Gandhi was never contesting elections- India TV Hindi No surprise: Priyanka Gandhi was never contesting elections

प्रियंका गांधी अपने करिश्मे के साथ लोकसभा चुनाव 2019 के लिए अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की पूर्वी उत्तर प्रदेश की प्रभारी महासचिव बनी। चुनावों के मद्देनजर राहुल ने उन्हें पूर्वी उत्तर प्रदेश का जिम्मा सौंपा। दो गांधी भाई-बहनों में ज्यादा लोकप्रिय प्रियंका लोगों से जुड़ने की क्षमता रखती है जो कोई नहीं करता। निश्चित रूप से उनके भाई राहुल नहीं कर सकते। प्रियंका उनकी दादी और देश की पूर्व पीएम इंदिरा गांधी की याद दिलाती हैं।

प्रियंका वास्तव में, कांग्रेस पार्टी की आखिरी उम्मीद हैं और जैसा कि वे ठीक ही कहते हैं, ब्रह्मास्त्र। उत्तर प्रदेश में प्रियंका के जलवे को राजनीतिक प्रहरियों और मीडिया का एक जैसा अटेंशन मिला। राजनीतिक समझ की उनकी भावना को यूपी में उनकी गतिविधियों और बढ़ते कदमों से देखा जा सकता है। प्रियंका ने नाव से गंगा यात्रा की। गंगा यात्रा के जरिए उन्होंने प्रयागराज (नेहरू-गांधी परिवार की एक मजबूत विरासत) से वाराणसी (पीएम मोदी की सीट) तक का सफर किया। वहां वह आम लोगों के साथ एक संबंध स्थापित करने में सफल रही। और हम सभी को याद हैं कैसे उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गृह क्षेत्र गुजरात में अपने पहले भाषण में कांग्रेस पार्टी के लिए 2019 लोकसभा चुनाव की कहानी निर्धारित की थी। 

उनमें अपनी दादी इंदिरा गांधी जैसा करिश्मा है और पिता राजीव गांधी जैसा आकर्षण। जनवरी में सक्रिय राजनीति में आने के बाद से ही इस बात की चर्चा थी कि वह वाराणसी से चुनाव लडेंगी। हालांकि, ताजा खबर यह पुष्टि कर रही है कि प्रियंका गांधी चुनाव नहीं लड़ रही हैं। कांग्रेस पार्टी ने वाराणसी से अजय राय को टिकट दिया है। लेकिन क्या यह आश्चर्य की बात है? नहीं। हम सब यह जानते थे कि वह चुनाव नहीं लड़ेंगी। 

हमारे सवाल पर वापस आते हैं- प्रियंका गांधी कांग्रेस पार्टी की आखिरी उम्मीद होने के बावजूद चुनाव क्यों नहीं लड़ रही हैं? लेकिन क्या वह चुनाव लड़ी और जीती, वह अपने भाई राहुल के प्रभाव को कम कर देंगी जो पिछले 10 सालों से पार्टी की किस्मत पलटने की उम्मीद में पार्टी को चला रहे हैं। प्रियंका की जीत राहुल गांधी की सभी राजनीतिक आकांक्षाओं को समाप्त कर देगी जिनके पास ठोस चुनावी समझ नहीं है।प्रियंका एक बेहतरीन वक्ता हैं और उनकी आभा आकर्षक नेता की है। लेकिन वाराणसी में प्रियंका को मैदान में नहीं उतारने के फैसले से कांग्रेस ने मौका बर्बाद कर दिया है। हालांकि कई लोग फिलहाल हैरान नहीं होंगे।