लखनऊ: बसपा प्रमुख मायावती ने भाजपा द्वारा जारी संकल्प पत्र को जनता को बरगलाने की कोशिश बताते हुए कहा है कि काठ की हांडी बार-बार नहीं चढ़ती है। उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा ने पिछले लोकसभा चुनाव में जिस लापरवाही, अलोकतांत्रिक और गै़र-जिम्मेदार ढंग से भ्रामक और लुभावने वादे करके देश की आम जनता को गुमराह करने का प्रयास किया था, ठीक उसी प्रकार से यह पार्टी एक बार फिर घोषणा पत्र आदि के माध्यम से जनता को बरगलाने की कोशिश कर रही है, लेकिन काठ की हांडी बार-बार नहीं चढ़ती है।''
मायावती ने सोमवार को जारी बयान में कहा , ''वास्तव में घोर चुनावी वादाखिलाफी और जनता से विश्वासघात करने वाली भाजपा और नरेंद्र मोदी सरकार को नया घोषणा पत्र जारी करने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है और उन पर विश्वास करना तो बहुत दूर की बात है। सबसे पहले उन्हें अपनी घोर वादाखिलाफी और जनविश्वासघात के लिए जनता से माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने पांच साल में केवल धन्नासेठों के लिए ही काम किया है।''
उन्होंने कहा, ''वास्तव में सत्ताधरी भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नया चुनावी घोषणा पत्र के बजाए उन्हें पिछले चुनावी वादों के संबंध में ''कार्रवाई रिपोर्ट'' जारी करनी चाहिए थी। लेकिन, ऐसा करने की हिम्मत उनमें है ही नहीं क्योंकि भाजपा और मोदी सरकार वादाखिलाफी और विश्वासघात करने वाली सरकारों की सरताज साबित हुई है और यह कोई लुकी-छिपी बात नहीं है।’’
बसपा प्रमुख ने कहा कि वैसे भी कुछ मुट्ठीभर बड़े-बड़े पूंजीपतियों और धन्नासेठों के ’’अच्छे दिन’’ को छोड़कर देश की 130 करोड़ आम जनता को आज पांच साल के बाद भी उस वादे वाले ’’अच्छे दिन’’ और 15 से 20 लाख रुपये बैंक खाते में आने का इंतज़ार है जिसका वादा मोदी ने देश के गरीबों से किया था।