BJP के 1 चंदू को हराने के लिए विपक्ष में उतारे थे 10 चंदू, लेकिन नहीं बन पाई थी बात
2014 लोकसभा चुनाव में छत्तीसगढ़ में जो देखने को मिला उसे देखकर आप कन्फ्यूज हो जाएंगे। दरअसल 2014 चुनाव में एक लोकसभा सीट ऐसी थी जिसपर एक-दो नहीं 11 चंदूलाल ने चुनाव लड़ा।
नई दिल्ली: छत्तीसगढ़ की महासमुंद लोकसभा सीट ऐसी सीट है जहां पर 2014 के लोकसभा चुनाव में चंदू नाम के 11 उम्मीदवार मैदान में थे और जीत भी चंदू नाम के उम्मीदवार की ही हुई थी। जीतने वाले उम्मीदवार का नाम चंदू लाल साहू था जो भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी थे, जबकि 10 अन्य चंदू नाम के उम्मीदवार निर्दलीय थे। ऐसा कहा जाता हैं कि उस समय के वरिष्ठ कांग्रेस नेता अजीत जोगी, जोकि महासमुंद लोकसभा सीट से कांग्रेस के प्रत्याशी भी थे, ने मतदाताओं को भ्रमित करने और बीजेपी उम्मीदवार को हराने के लिए चंदू नाम के 10 उम्मीदवारों को चुनाव मैदान में उतारा था। अजीत जोगी अब कांग्रेस को छोड़ चुके हैं।
एक ही नाम के इतने उम्मीदवार खड़े होने का असर चुनाव में भी देखने को मिला। आंकड़ों के अनुसार देखें तो पहले निर्दलीय चंदूलाल साहू को 20255 वोट, दूसरे को 12308, तीसरे 10797, चौथे 4718, पांचवें 2167, छठें 3732, सातवें 1628, आठवें 2268, नौवें 7091 और दसवें को 5497 वोट मिले। अब अगर इन 10 उम्मीदवारों के वोट को जोड़ा जाए तो यह कुल 70461 वोट बनते है। इन निर्दलीय उम्मीदवारों को 'वोट कटवा' के तौर पर भी देखा जा सकता है। कांग्रेस की तरफ से इस सीट पर वरिष्ठ कांग्रेस नेता अजीत जोगी को उतारा था।
बीजेपी के चंदू लाल साहू (चंदू भईया) ने अजीत जोगी को मात्र 1217 वोटों के बेहद कम अंतर से हराया था। कांग्रेस नेता अजीत जोगी को 502297 वोट मिले वहीं बीजेपी के चंदू लाल साहू को 503514 वोट मिले थे। केवल 2009 और 2014 के चुनावों की बात छोड़ दें तो इस सीट पर इससे पहले कभी किसी पार्टी को लगातार दो बार जीत नहीं मिली थी। बीजेपी के चंदूलाल ने 2009 और 2014 में लगातार जीत हासिल कर इस मिथक को तोड़ था।
आपको बतां दें कि इस लोकसभा सीट पर 2014 में पुरुष मतदाताओं की संख्या 757,276 थी, जिनमें से 576,917 ने वोटिंग में भाग लिया। वहीं पंजीकृत 758,471 महिला वोटर्स में से 554,292 महिला वोटर्स ने भाग लिया था। इस तरह कुल 1,515,747 मतदाताओं में से कुल 1,131,209 ने चुनाव में अपनी हिस्सेदारी तय की। इसबार 2019 के लोकसभा चुनाव में 1516177 से ज्यादा मतदाता अपने क्षेत्र के सांसद का चुनाव करेंगे। रायपुर लोकसभा के अंतर्गत विधानसभा की आठ सीटें आती हैं. इनमें से एक अनूसूचित जाति, एक अनूसूचित जनजाति और छह सामान्य के लिए आरक्षित हैं। जिनमें सरायपल्ली(एससी), महासमुंद, कुरुद, बसना, राजिम, धममरी, खल्लारी और बिंद्रा नवागढ (एसटी) शामिल है।