शिवहर सीट पर लालू के कुनबे में तांडव, तेजस्वी ने फैसल अली को बनाया प्रत्याशी, तेज प्रताप ट्वीट में कहा दुर्योधन
लोक सभा चुनाव सिर पर हैं और बिहार के सबसे बड़े राजनीतिक घराने में बवाल जारी है। उम्मीदवार खड़ा करने में छोटे भाई तेजस्वी की अनदेखी के चलते तेज प्रताप फिर खफा हैं।
लोक सभा चुनाव सिर पर हैं और बिहार के सबसे बड़े राजनीतिक घराने में बवाल जारी है। उम्मीदवार खड़ा करने में छोटे भाई तेजस्वी की अनदेखी के चलते तेज प्रताप फिर खफा हैं। अब एक बार फिर शिवहर सीट से फैसल अली को मैदान में उतारने से तेज प्रताप अपने भाई तेजस्वी से खफा हो गए हैं। तेजप्रताप ने रामधारी सिंह दिनकर की कविता ट्वीट करके पार्टी और भाई पर निशाना साधा। तेज प्रताप यहां से अंगेश कुमार सिंह को टिकट देने पर अड़े थे।
राष्ट्रीय जनता दल यानी RJD ने शनिवार को सैयद फैसल अली को बिहार के शिवहर संसदीय सीट से अपना उम्मीदवार बनाया है। इस सीट से लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे अपने उम्मीदवार को उतारना चाहते थे, तेजप्रताप शिवहर से अंगेश कुमार सिंह को टिकट दिलाना चाहते थे। जैसे ही ये खबर सामने आई कि शिवहर से ही तेजप्रताप को किनारा कर दिया गया है। लालू यादव के बड़े बेटे एक बार फिर नाराज हो गए और ऐसे नाराज हो गए कि महाभारत काल में चले गए। रात को साढ़े 11 बजे ट्विटर पर अपने शब्दों को जोड़ते हुए लिखते हैं-
दुर्योधन वह भी दे ना सका,
आशीष समाज की ले न सका,
उलटे, हरि को बाँधने चला,
जो था असाध्य, साधने चला।
जब नाश मनुष्य पर छाता है,
पहले विवेक मर जाता है।
आधी रात को लिखे गए इस महाभारत में कौन दुर्योधन है , कौन हरि है । कौन मनुष्य है और किसका विवेक मर गया है । इशारों की भाषा थी लेकिन ट्विटर पर माहौल गर्म होने लगा। लोग सवाल पूछ रहे थे क्या तेज प्रताप का इशारा तेजस्वी यादव की तरफ है । क्योंकि एक वक्त वो भी था जब तेजस्वी को तेज प्रताप अर्जुन कहते थे तो सवाल है परिवार में गदर मचाने वाला गदाधारी कौन है । पूरा का पूरा परिवार और पूरी पार्टी इस रहस्य को सुलझाने में लग गई थी कि दुर्योधन कौन है और लेकिन रात होते होते तेज प्रताप के एक और ट्विट ने ट्विटर को कुरुक्षेत्र बना दिया।
इसके बाद तेज प्रताप ने ट्वीट कर कहा कि जो भी मेरे और मेरे परिवार के बीच आएगा उसका सर्वनाश निश्चित है। मतलब कौन है जो इस परिवार के बीच में आ रहा है और कौन है जो परिवार में दरार डाल रहा है । लालू के परिवार की लड़ाई को मजाक के सिवा लोग कुछ नहीं समझते थे लेकिन पिछले कुछ दिनों से टिकटों की जो लड़ाई चल रही है उसने बिहार की सियासत को हिला कर रख दिया है । लालू यादव ने कभी नहीं सोचा होगा कि बिहार में उनकी सियासत को बचाने वाले, सीटों को लेकर आधी रात को बवाल मचा देंगे