कांग्रेस और सपा-बसपा गठबंधन में से किसे दें वोट? दुविधा में हैं पूर्वी उप्र के मुस्लिम
पूर्वी उत्तर प्रदेश के मुस्लिम मतदाताओं के भाजपा को वोट देने की संभावना कम है लेकिन उनके सामने दुविधा यह है कि आखिर वे सपा-बसपा गठबंधन और कांग्रेस में से किसे वोट दें।
गोरखपुर: पूर्वी उत्तर प्रदेश के मुस्लिम मतदाताओं के भाजपा को वोट देने की संभावना कम है लेकिन उनके सामने दुविधा यह है कि आखिर वे सपा-बसपा गठबंधन और कांग्रेस में से किसे वोट दें। वैसे, मुस्लिम समुदाय के कुछ सदस्य मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गढ़ गोरखपुर में किए गए विकास कार्यों के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का समर्थन करते हैं लेकिन अन्य लोगों में असुरक्षा की भावना है।
गोरखपुर की सबसे बड़ी मस्जिद के पेश इमाम मुफ्ती मोहम्मद वलीउल्ला ने कहा कि मुस्लिमों में पार्टी को लेकर ‘‘एक राय’’ नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘कम पढे लिखे मुस्लिम ‘महागठबंधन’ (विपक्षी गठबंधन) को वोट करेंगे जबकि शिक्षित मुस्लिम अपनी समझ से वोट डालेंगे।’’ वलीउल्ला ने भाजपा द्वारा मुस्लिमों के राष्ट्रवाद पर सवाल खड़े करने पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा, ‘‘केवल कुछ मुस्लिम मौलवियों ने भारत का दौरा किया और देश में रहने वाले लोगों ने इस्लाम धर्म अपनाया। भारत हमारा देश है।’’
गोरखपुर में मुस्लिमों की आबादी करीब दस प्रतिशत है। इस सीट तथा राज्य की 12 अन्य लोकसभा सीटों पर 19 मई को मतदान होगा। आदित्यनाथ के नेतृत्व वाला गोरखनाथ मंदिर मुस्लिम बहुल इलाके में स्थित है। मंदिर में अल्पसंख्यक समुदाय के लोग काम करते हैं।
वर्ष 2014 में भाजपा को उस मतदान केन्द्र पर 330 में से 233 वोट मिले थे जहां आदित्यनाथ वोट करते हैं। इस मतदान केन्द्र के करीब आधे मतदाता मुस्लिम समुदाय के हैं। समुदाय की चिंताओं को दूर करते हुए आदित्यनाथ ने कहा कि दो साल पहले उनकी सरकार सत्ता में आने के बाद से राज्य में दंगे की एक भी घटना नहीं हुई। उन्होंने कहा, ‘‘यहां (गोरखपुर) की तरह, राज्य के अन्य भागों में भी मुस्लिम सुरक्षित महसूस करते हैं।’’ मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में सभी धार्मिक महोत्सव सौहार्दपूर्ण तरीके से मनाए जाते हैं।
अंतिम चरण में गोरखपुर के अलावा महाराजगंज, कुशीनगर, देवरिया, बांसगांव (सु), घोसी, सलेमपुर, बलिया, गाजीपुर, चंदौली, वाराणसी, मिर्जापुर और रॉबर्ट्सगंज (सु) में भी मतदान होना है। इन 13 लोकसभा सीटों पर कुल 167 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं। जहां तक महागठबंधन की बात है तो सपा आठ जबकि बसपा पांच सीटों पर चुनाव लड़ रही है। उधर, इनमें से भाजपा 11 सीटों जबकि इसका सहयोगी अपना दल (सोनेलाल) दो सीटों पर मैदान में है।
कुशीनगर सीट पर मुस्लिम समुदाय के फैसले में असुरक्षा प्रमुख कारक है। कासिया तहसील में मदरसा चलाने वाले अहमद कमाल अब्दुर रहमान नदवी ने कहा कि समुदाय के खिलाफ अपराध बढ़े हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रशासन की अपराधियों से साठगांठ है। उधर, महाराजगंज क्षेत्र के मोहम्मद अरशद ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार को अब तक किए गए अच्छे काम के लिए फिर से मौका मिलना चाहिए। अरशद राजनीतिक विज्ञान विषय में स्नातक है और टैक्सी चालक के रूप में काम करता है।