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74 सीटें जीतकर 'बुआ-भतीजे' की जुबान पर 'अलीगढ़ का ताला' लगाएगी बीजेपी : अमित शाह

अमित शाह ने विपक्ष के महागठबंधन को 'ढकोसला' बताते हुए बुधवार को कहा कि भाजपा उत्तर प्रदेश में 74 सीटें जीतकर 'बुआ—भतीजा' की जुबान पर 'अलीगढ़ का ताला' लगाएगी।

BJP President Amit Shah- India TV Hindi Image Source : PTI BJP President Amit Shah

अलीगढ़ (उत्तर प्रदेश): भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने विपक्ष के महागठबंधन को 'ढकोसला' बताते हुए बुधवार को कहा कि भाजपा उत्तर प्रदेश में 74 सीटें जीतकर 'बुआ—भतीजा' की जुबान पर 'अलीगढ़ का ताला' लगाएगी। शाह ने यहां ब्रज क्षेत्र के बूथ अध्यक्षों के सम्मेलन में कहा, ''महागठबंधन ढकोसला है। उससे डरने की जरूरत नहीं है। लोग पूछते हैं कि बुआ (बसपा सुप्रीमो मायावती) और भतीजा (सपा प्रमुख अखिलेश यादव) इकट्ठे हो गये अब यूपी (उत्तर प्रदेश) का क्या होगा? मैं कहता हूं कि राहुल (कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी) को भी इकट्ठा कर लो, यूपी में भाजपा की 73 से 74 सीटें होने वाली हैं।'' 

उन्होंने कहा, ''मैं कार्यकर्ताओं का आह्वान करने आया हूं कि बुआ—भतीजे की जुबान पर अलीगढ़ का ताला लगाने का काम भाजपा 74 सीटें जीतकर करेगी।'' सपा—बसपा पर हमला जारी रखते हुए शाह ने कहा कि दोनों ही पार्टियों ने परिवारवाद से ग्रस्त उत्तर प्रदेश दिया था लेकिन हमने जात-पात को हटा कर ‘सबका साथ सबका विकास’ करने का काम किया। 

उन्होंने कहा कि देश की सुरक्षा के लिए खतरा बने घुसपैठियों का कांग्रेस समर्थन कर रही है लेकिन देश के कोने-कोने से घुसपैठियों को चुन-चुनकर बाहर निकालने का काम मोदी सरकार करेगी। शाह ने कहा कि उत्तर प्रदेश में भू-माफिया के खिलाफ अभियान चलाने का काम भाजपा सरकार ने किया है। हाल ही में एक ही तहसील के अंदर 140 हेक्टेयर जमीन सपा—बसपा के गुंडों से मुक्त कराई गई है। 

उन्होंने कहा कि जब से भाजपा की नरेंद्र मोदी सरकार आई है, दुश्मनों को ईंट का जवाब पत्थर से दिया जाता है। अपने देश के दुश्मनों को जवाब अब तक सिर्फ दो ही देश अमेरिका और इस्राइल देते थे लेकिन अब तीसरा नाम भारत का भी जुड़ गया है। राम मंदिर मुद्दे पर उन्होंने कहा कि भाजपा चाहती है कि अयोध्या में उसी स्थान पर भव्य राम मंदिर का निर्माण हो। कांग्रेस, सपा और बसपा के लिए यही कहना चाहता हूं कि हमारा रूख तो साफ है, लेकिन वे राम मंदिर पर अपना एजेंडा साफ करें। 

शाह ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए कहा कि बंगाल में भाजपा को आगे बढ़ने से रोकने के लिए लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। बंगाल में ममता भाजपा कार्यकर्ताओं को रोकने का काम कर रही हैं लेकिन भाजपा के कार्यकर्ता भी ईंट से ईंट बजाने का काम करेंगे। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में लोकसभा की 80 सीटें हैं। पिछले आम चुनाव में भाजपा और सहयोगी दलों को 73 सीटें मिली थीं। बीजेपी को रैलियों की इजाज़त न देकर ममता बनर्जी लोकतंत्र का गला न घोंटे।
 
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सरकार ने मंगलवार को यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हेलीकॉप्टर को बांकुडा में उतरने की अनुमति देने से इनकार कर दिया। ममता की सरकार के इस इनकार के चलते भारतीय जनता पार्टी को अपनी रैली रद्द करनी पड़ी। योगी हालांकि पड़ोसी राज्य झारखंड में बोकारो के पास बारमसिया में अपने हेलिकॉप्टर को उतारने में कामयाब रहे, और उन्होंने पुरुलिया में एक विशाल सभा को संबोधित करने के लिए सड़क मार्ग से लगभग 30 किलोमीटर की यात्रा की।
 
बीजेपी के दो और वरिष्ठ नेताओं, शिवराज सिंह चौहान और शाहनवाज हुसैन, को मुर्शिदाबाद जिले में रैलियां करने की इजाजत देने से इनकार कर दिया गया। इसी तरह रविवार को योगी के हेलिकॉप्टर को उत्तरी बंगाल के बालूरघाट में उतरने से मना कर दिया गया, और उन्हें फोन पर सभा को संबोधित करना पड़ा। लोगों की लोकतांत्रिक आकांक्षाओं का गला घोंटने के लिए सार्वजनिक सभाएं करने की अनुमति देने से इनकार किया जा रहा है, वह भी एक ऐसे नेता द्वारा जो खुद ‘लोकतंत्र बचाओ’ के नारे लगा रही हैं।
 
मैं ममता बनर्जी को याद दिलाना चाहूंगा कि जब वह पश्चिम बंगाल में मार्क्सवादियों से लड़ रही थीं तो उन्हें रैली करने से रोका जाता था और उनके जुलूस पर पत्थर बरसाए जाते थे। यहां तक कि लेफ्ट फ्रंट के गुंडे तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं की पिटाई किया करते थे। ममता को लेफ्ट फ्रंट के कैडर्स द्वारा किए जा रहे बम हमलों, पत्थरबाजी और आगजनी के बीच वामपंथी शासन के खिलाफ एक दशक से भी ज्यादा समय तक संघर्ष करना पड़ा था।
 
इसीलिए मुझे यह देखकर आश्चर्य होता है कि वही नेता बीजेपी के नेताओं को बहाने करके रैली करने से रोक रही हैं और उनके हैलीकॉप्टर नहीं उतरने दे रही हैं। यह लोकतंत्र के लिए अच्छी परंपरा नहीं मानी जा सकती। 

प्रत्येक राजनीतिक दल को जनसभाएं करने का अधिकार है, और ममता बनर्जी को पता होना चाहिए कि वह खुद भाजपा शासित राज्यों में लोकसभा चुनाव के दौरान हेलिकॉप्टर का इस्तेमाल कर प्रचार करेंगी। यदि बीजेपी ने भी ममता को उन्हीं के अंदाज में जवाब देने का फैसला कर लिया तो उसके बाद क्या होगा?
 
यह सच है कि ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस को पश्चिम बंगाल में बीजेपी से राजनीतिक मोर्चे पर तगड़ी चुनौती मिल रही है, लेकिन एक अनुभवी राजनेता की हैसियत से उन्हें यह मालूम होना चाहिए कि ऐसी चुनौतियों से राजनीतिक तरीके से कैसे निपटा जाए। विरोधी दलों पर तमाम तरह की रोक लगाने वाले प्रशासनिक आदेशों के जरिए लोकतंत्र का गला घोंटकर इस चुनौती से नहीं निपटा जा सकता।