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भोपाल सीट पर दिग्विजय के खिलाफ BJP उतार सकती है कट्टर हिन्दूवादी चेहरा

भोपाल लोकसभा सीट पर कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह के खिलाफ भाजपा कट्टर हिन्दूवादी चेहरे को उतार सकती है। इसी के चलते भाजपा इस सीट से केन्द्रीय मंत्री उमा भारती एवं साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के नामों पर मंथन कर रही है, ताकि अपने इस गढ़ को कांग्रेस द्वारा सेंध लगाने से बचाया जा सके।

<p>Digvijay Singh</p>- India TV Hindi Digvijay Singh

भोपाल: भोपाल लोकसभा सीट पर कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह के खिलाफ भाजपा कट्टर हिन्दूवादी चेहरे को उतार सकती है। इसी के चलते भाजपा इस सीट से केन्द्रीय मंत्री उमा भारती एवं साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के नामों पर मंथन कर रही है, ताकि अपने इस गढ़ को कांग्रेस द्वारा सेंध लगाने से बचाया जा सके। हालांकि, उमा भारती ने कुछ महीने पहले इस लोकसभा चुनाव को लड़ने से मना किया है। इसके बावजूद राजनीतिक गलियारों में चर्चा चल रही है कि उमा या प्रज्ञा में से कोई एक भोपाल सीट पर भाजपा का प्रत्याशी हो सकता है। करीब 18 लाख मतदाताओं वाली भोपाल संसदीय सीट पर करीब 4.5 लाख मुस्लिम मतदाता हैं।

यदि ऐसा होता है तो भाजपा इस सीट पर वोटों का ध्रुवीकरण करेगी, ताकि दिग्विजय जैसे मजबूत उम्मीदवार को हराया जा सके। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय को उनके पूर्व में दिए गए बयानों में संघ परिवार पर बार-बार हमला करने के लिए कट्टर हिन्दूवादी उन्हें हिन्दू विरोधी मानते हैं।

उमा इससे पहले वर्ष 1999 में भी भोपाल सीट से सांसद रह चुकी है। उस वक्त उमा ने कांग्रेस प्रत्याशी एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री सुरेश पचौरी को 1.68 लाख से ज्यादा मतों से पराजित किया था। वहीं, प्रज्ञा ने फोन पर बताया, ‘‘मैं धर्म युद्ध लड़ने के लिए तैयार हूं।’’

पिछले तीन दशकों से भोपाल लोकसभा सीट भाजपा का गढ़ रही है। राघौगढ़ राजघराने से ताल्लुक रखने वाले दिग्विजय अपने गृह जिले स्थित राजगढ़ लोकसभा सीट से चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन कमलनाथ ने उन्हें मुश्किल सीट भोपाल पर चुनाव लड़ने को कहा। राजगढ़ से वह वर्ष 1984 एवं 1991 में कांग्रेस की टिकट पर जीत कर सांसद रह चुके हैं।

भोपाल संसदीय सीट में 8 विधानसभा क्षेत्र आते हैं। पिछले साल नवंबर में हुए विधानसभा चुनाव में इनमें से 3 सीटों पर कांग्रेस जीती थी, जबकि भाजपा 5 सीटों पर जीती थी। हालांकि, भाजपा को इन 8 विधानसभा सीटों पर कांग्रेस से करीब 63,000 ज्यादा मत मिले थे।

कांग्रेस ने वर्ष 1984 में हुए लोकसभा चुनाव में भोपाल सीट जीती थी। तब इंदिरा गांधी की हत्या के बाद देश में कांग्रेस की लहर थी, जिसके चलते भोपाल से के.एन. प्रधान जीते थे। इस सीट पर पिछले 30 साल से भाजपा का कब्जा है। इस सीट को भाजपा ने वर्ष 1989 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस से छीना था और तब से लेकर अब तक इस सीट पर आठ बार चुनाव हुए हैं और आठों बार भाजपा ने कांग्रेस के प्रत्याशियों को धूल चटाई है। भोपाल के मौजूदा सांसद आलोक संजर हैं और उन्होंने पिछले लोकसभा चुनाव में इस सीट से 3.70 लाख से अधिक मतों से विजय प्राप्त की थी।

भोपाल सीट पर 12 मई को मतदान होगा।