चेन्नई: तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव (KCR) के प्रस्तावित वैकल्पिक मोर्चे में DMK को शामिल करने की कोशिशों को सोमवार को करारा झटका लगा है। तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) के अध्यक्ष KCR को उस वक्त करारा झटका लगा जब DMK अध्यक्ष एम. के. स्टालिन ने राव से अपील की कि वह अपनी पार्टी का समर्थन कांग्रेस को दें। DMK सूत्रों ने बताया कि क्षेत्रीय पार्टियों को एक साथ लाने की अपनी कवायद जारी रखते हुए KCR ने चेन्नई में स्टालिन के आवास पर उनसे मुलाकात की और एक संघीय मोर्चा बनाने के अपने प्रस्ताव पर उनसे चर्चा की।
एक घंटे से ज्यादा चली बैठक में स्टालिन ने KCR से कहा कि उनकी पार्टी ने कांग्रेस के साथ चुनाव पूर्व गठबंधन किया है और उन्होंने प्रधानमंत्री पद के लिए राहुल गांधी के नाम की वकालत भी की है। DMK सूत्रों ने बताया, ‘थलैवर (स्टालिन) ने राव से अनुरोध किया कि वह केंद्र में कांग्रेस की अगुवाई वाली सरकार को तेलंगाना राष्ट्र समिति का समर्थन दें।’ आपको बता दें कि राव ने कुछ दिन पहले केरल के मुख्यमंत्री और सीपीएम नेता पिन्नराई विजयन से मुलाकात की थी।
स्टालिन से चर्चा के दौरान राव ने यकीन जाहिर किया कि लोकसभा चुनावों में क्षेत्रीय पार्टियां बड़ी संख्या में सीटों के साथ प्रभावशाली ताकत के तौर पर उभरेंगी और न ही कांग्रेस, न ही भारतीय जनता पार्टी को सरकार बनाने के लिए पर्याप्त सीटें मिलेंगी। राव ने DMK प्रमुख से कहा कि ऐसी स्थिति पैदा होने पर ‘राष्ट्रीय पार्टियों’ के समर्थन से क्षेत्रीय पार्टियों द्वारा संचालित सरकार बन सकती है। इस पर द्रमुक पक्ष, जिसमें स्टालिन के अलावा वरिष्ठ नेता दुरईमुरुगन और टीआर बालू शामिल थे, ने कहा कि केंद्र में सिर्फ कांग्रेस की अगुवाई वाली सरकार के लिए अनुकूल माहौल है।
DMK ने यह भी कहा कि केंद्र में क्षेत्रीय पार्टियों द्वारा संचालित सरकार बनाने का विचार सफल नहीं होने के आसार हैं, क्योंकि अलग-अलग राज्यों को लेकर कुछ पार्टियों के रुख अलग-अलग हैं। TRS तेलंगाना में कांग्रेस और तेलुगु देशम पार्टी दोनों के खिलाफ है। राव ने पत्रकारों से कोई बातचीत नहीं की जबकि DMK ने कहा कि यह एक ‘शिष्टाचार’ भेंट थी। राव ने अप्रैल 2018 में स्टालिन और DMK के तत्कालीन अध्यक्ष एम करुणानिधि से चेन्नई में मुलाकात की थी। (भाषा)