नई दिल्ली: 2019 के लोकसभा चुनावों से पहले बिहार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के घटक दलों में रस्साकशी जारी है। गठबंधन में शामिल राष्ट्रीय लोक समता पार्टी ने सीटों के बंटवारे के मुद्दे पर अपने तेवर और कड़े कर लिए हैं। शनिवार को होने वाली पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में गठबंधन के बारे में बड़ा फैसला लेते हुए भाजपा को नवंबर के अंतिम सप्ताह तक का अल्टिमेटम दिया है। केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी ने कहा है कि तब तक यदि उसे 2014 के लोकसभा चुनावों से ज्यादा सीटें नहीं दी गईं तो वह एनडीए से अलग हो जाएगी।
गौरतलब है कि बिहार में एनडीए के घटक दलों में तनाव का यह दौर पिछले दिनों तब शुरू हुआ, जब भाजपा और जेडीयू ने 50-50 के फॉर्म्यूले पर लोकसभा चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी। इसके चलते एनडीए में पहले से शामिल लोक जनशक्ति पार्टी और राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के नेताओं को लगा कि आगामी चुनावों में उनको दी जाने वाली सीटों की संख्या में कटौती की जा सकती है। यही वजह है कि इन दोनों ही पार्टियों ने इस फॉर्म्यूले का खुलकर विरोध किया।
दूसरी तरफ कुशवाहा और नीतीश की पार्टी में जुबानी जंग के तेज होने से भी मामला और खराब होता गया है। जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने तो यहां तक कह दिया था कि यदि कुशवाहा की पार्टी एनडीए छोड़ भी देती है तो गठबंधन की सेहत पर कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है। इस ताजा बयान के बाद दोनों पार्टियों में तल्खी एक बार फिर बढ़ गई। इस बीच सीट बंटवारे को लेकर उपेंद्र कुशवाहा ने एक बार भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से मिलने का वक्त मांगा था।