नई दिल्ली: आगामी लोकसभा चुनावों से पहले महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी (BJP) और शिवसेना ने तनावपूर्ण संबंधों के बीच भी साथ चुनाव लड़ने का ऐलान तो 18 फरवरी को ही कर दिया था। दोनों पार्टियों के ऐलान के मुताबिक महाराष्ट्र की 48 लोकसभा सीटों में से भाजपा 25 पर और शिवसेना 23 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। और, माना जा रहा है कि BJP- शिवसेना का साथ आना महाराष्ट्र में कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के लिए फिर से 2014 के लोकसभा चुनावों की तरह ही मुसीबत बन सकता है। 2014 के लोकसभा चुनावों में भाजपा और शिवसेना ने मिलकर चुनाव लड़ा था जबकि एनसीपी और कांग्रेस एक साथ थे।
2014 के लोकसभा चुनावों में महाराष्ट्र में कुल 8,07,98,823 वोट थे जिनमें से 4,82,84,284 वोट डाले गए थे, यानि लगभग 59.75 प्रतिशत वोटिंग दर्ज की गई थी। कुल डाले गए वोटों में से 27.56 प्रतिशत यानि 1,33,08,961 वोट भारतीय जनता पार्टी की झोली में गए थे और पार्टी 23 सीटें जीतने में कामयाब हो गई थी। दूसरे नंबर पर भाजपा की सहयोगी शिवसेना रही जिसे 20.82 प्रतिशत यानि 1,00,50,652 वोट मिले थे शिवसेना 18 सीटें जीतने में कामयाब हो गई थी। कांग्रेस तीसरे नंबर पर रही और 18.29 प्रतिशत यानि 88,30,190 वोट ले पायी थी जबकि शरद पवार की पार्टी NCP 16.12 प्रतिशत वोटों के साथ 77,82,275 वोट ही प्राप्त कर सकी।
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महाराष्ट्र में गैर पंजीकृत और निर्दलीय पार्टियों की भी अच्छी पैठ है और कई जगहों पर निर्दलीय और गैर पंजीकृत पार्टियों के उम्मीदवार अच्छा वोट प्राप्त करते हैं। 2014 के चुनाव में गैर पंजीकृत पार्टियां कुल मिलाकर 32.94 लाख वोट लेने में कामयाब हो गईं थी जबकि निर्दलीय उम्मीदवार 15,77,114 यानि कुल वोटिंग का 3.27 प्रतिशत वोट निकालने में कामयाब रहे।