India TV-CNX Survey: UP में महागठबंधन हुआ तो BJP को भारी नुकसान, बंगाल में तृणमूल और ओडिशा में BJD का रहेगा दबदबा!
इंडिया टीवी पर आज प्रसारित हुआ ओपिनियन पोल सिर्फ उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और ओडिशा पर केंद्रित था । पंजाब, हरियाणा और उत्तराखंड का सर्वे अगले गुरुवार यानि 22 नवंबर को प्रसारित होगा।
नई दिल्ली। गैर-भाजपा दल अगर यूपी में अगले लोकसभा चुनाव से पहले महागठबंधन बनाने में कामयाब हो जाते हैं तो भारतीय जनता पार्टी की उत्तर प्रदेश में सांसदों की संख्या आधे से ज्यादा घट सकती है । 2019 के लोकसभा चुनावों के लिए India TV-CNX के सर्वे से ये साफ संकेत मिले हैं।
सर्वे के मुताबिक, पहली सूरत में, अगर उत्तर प्रदेश में सपा, बसपा, राष्ट्रीय लोकदल और कांग्रेस हाथ मिलाते हैं तो वे मिलकर 49 लोकसभा सीटों पर चुनाव जीत सकते हैं जबकि भाजपा के राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एन.डी.ए.) के सांसदों की संख्या घटकर सिर्फ 31 रह सकती है।
जिन 49 सीटों पर महागठबंधन के चुनाव जीतने की संभावना है उनमें बसपा को 18, समाजवादी पार्टी को 21, कांग्रेस को 8 और राष्ट्रीय लोकदल को 2 सीटें मिल सकती हैं, जबकि एन.डी.ए. के जिन 31 सीटों पर जीत की संभावना है उनमें 30 सीटें भाजपा और एक सीट अपना दल को मिल सकती है ।
दूसरे परिदृश्य में, अगर उत्तर प्रदेश में सपा, बसपा और रालोद मिलकर चुनाव लड़ते हैं तो उनको 33 सीट मिलने की संभावना है, ऐसी स्थिति में कांग्रेस को सिर्फ 2 सीटें मिल सकती है, जबकि एन.डी.ए. की सीटें घटकर 45 रहने की संभावना है । इनमें 44 सीटें भाजपा और एक सीट अपना दल को मिल सकती है। बसपा, सपा और रालोद के गठबंधन को मिलने वाली 33 सीटों में से 15 बसपा, 16 सपा और 2 सीटें राष्ट्रीय लोकदल को मिल सकती हैं।
अगर उत्तर प्रदेश में गैर-भाजपा दलों का महागठबंधन नहीं होता है, तो उस स्थिति में भारतीय जनता पार्टी राज्य की कुल 80 लोकसभा सीटों में से 55 सीटें जीत सकती है जबकि बसपा और सपा को 9-9, कांग्रेस को 5 तथा राष्ट्रीय लोक दल और अपना दल को 1-1 सीट मिलने की संभावना है । इस स्थिति में वोट शेयर की बात करें तो भाजपा का वोट शेयर 39.19 प्रतिशत, बसपा का 20 प्रतिशत, सपा का 20.55 प्रतिशत और कांग्रेस का 11.91 प्रतिशत रह सकता है।
2014 के लोकसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी ने 71 सीटों पर कब्जा किया था जबकि सपा को 5, कांग्रेस और अपना दल को 2-2 सीटें मिली थीं। उत्तर प्रदेश में कुल 80 लोकसभा सीटें हैं।
पश्चिम बंगाल में जहां कुल 42 लोकसभा सीटें हैं, सर्वे का अनुमान बहुत साफ है । लोकसभा चुनाव में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस का दबदबा बने रहने की संभावना है। सर्वे के मुताबिक राज्य में तृणमूल कांग्रेस को 27 सीटें, भाजपा को 8 सीटें, लेफ्ट दलों को 5 सीटें और कांग्रेस को 2 सीटें मिलने की संभावना है।
राज्य में वोट शेयर की बात करें तो तृणमूल कांग्रेस का वोट प्रतिशत 2014 के 39.79 प्रतिशत से घटकर 36.2 प्रतिशत तक आने का अनुमान है जबकि भारतीय जनता पार्टी का वोट प्रतिशत 2014 के 17.02 प्रतिशत से बढ़कर 27.77 प्रतिशत तक पहुंचने का अनुमान है।
ओडिशा में जहां 21 लोकसभा सीटे हैं, सत्तारूढ़ बीजू जनता दल को 16 सीटें मिलने की संभावना है जबकि भारतीय जनता पार्टी को 5 सीटें मिल सकती हैं। 2014 के लोकसभा चुनाव में ओडिशा में बीजू जनता दल ने 20 सीटें जीती थीं और एक सीट भाजपा को मिली थी, कांग्रेस एक भी सीट पर चुनाव नहीं जीत पायी थी।
वोट शेयर की बात करें तो बीजू जनता दल का वोट शेयर 2014 के 44.77 प्रतिशत से मामूली घटकर इस बार 44 प्रतिशत रहने का अनुमान है जबकि भारतीय जनता पार्टी का वोट शेयर 2014 के 21.88 प्रतिशत से बढ़कर इस बार 28.53 प्रतिशत तक पहुंचने का अनुमान है। इस बार कांग्रेस को 21.67 प्रतिशत वोट मिल सकते हैं, लेकिन एक भी सीट पर उनकी जीत की संभावना नहीं है।
इंडिया टीवी पर आज प्रसारित हुआ ओपिनियन पोल सिर्फ उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और ओडिशा पर केंद्रित था । पंजाब, हरियाणा और उत्तराखंड का सर्वे अगले गुरुवार यानि 22 नवंबर को प्रसारित होगा। कुछ अन्य राज्यो पर किए गए सर्वे के नतीजे 29 नवंबर को प्रसारित किए जाएंगे।
आज हुए सर्वे में 3 राज्यों की 143 लोकसभा सीटों के बारे में चर्चा हुई, सर्वे के मुताबिक अगर लोकसभा चुनाव से पहले गैर भाजपा दलों का महागठबंधन होता है तो इन 143 सीटों में भाजपा को 32 सीटों का नुकसान होगा सिर्फ 44 सीटें मिलेंगी, वहीं अगर महागठबंधन नहीं होता है तो नुकसान घटकर 7 सीटों का रह जाएगा और भाजपा को 69 सीटें मिल सकती हैं।
India TV-CNX Opinion Poll सर्वे को देशभर में 6 राज्यों की 171 लोकसभा सीटों में 25 अक्तूबर से 12 नवंबर के बीच किया गया है। यह सर्वे 18 से 60 वर्ष आयु वर्ग के 17,100 मतदाताओं के बीच हुआ, इनमें 8732 पुरुष और 8268 महिला मतदाता हैं।
सर्वे के लिए जिन लोगों से सवाल पूछे गये, उनमें समाज के निचले तबके जैसे दर्जी, नाई, दिहाड़ी मजदूर, प्रवासी मजदूर, छोटे दुकानदार, मकैनिक और मध्य तथा ऊपरी तबके जैसे डॉक्टर और रियल एस्टेट डीलर शामिल हैं । सर्वे में ढाई प्रतिशत की ऊंच-नीच की संभावना है।