नई दिल्ली: अगले आम चुनाव के एलान में अब छह महीने से भी कम का वक्त बचा है। चुनाव कौन जीतेगा, सब इस पर चर्चा कर रहे हैं। ऐसे माहौल के बीच इंडिया टीवी-सीएनएक्स ने ओपिनियन पोल करवाया। यह ओपिनियन पोल देशभर में 6 राज्यों की 171 लोकसभा सीटों में 25 अक्तूबर से 12 नवंबर के बीच किया गया है। उन्हीं 6 राज्यों में से एक है उत्तर प्रदेश जिसके बारे में कहा जाता है जिसने जीता उत्तर प्रदेश, उसका ही होगा देश। अगर एक-दो बार को छोड़ दिया जाए तो आज़ादी के बाद से अब तक दिल्ली की सत्ता पर उसी ने कब्जा किया जिसने उत्तर प्रदेश से सबसे ज्यादा लोकसभा सीटें जीतीं थी।
पिछली बार अगर बीजेपी ने अकेले दम पर बहुमत हासिल किया तो इसमें बहुत बड़ा हाथ यूपी का था। 2014 में बीजेपी ने यूपी की 80 में से 71 सीट जीती थी जबकि दो सीटें उसकी सहयोगी अपना दल को मिली थी। इसके बाद 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी को तीन सौ से ज्यादा सीटें मिलीं थी। ऐसे में बीजेपी उम्मीद करेगी कि 2019 में भी वो 2014 वाला प्रदर्शन दोहराए लेकिन क्या ये इतना आसान होगा। इसे समझने के लिए इंडिया टीवी-सीएनएक्स के ओपिनियन पोल में तीन राजनीतिक समीकरण सामने रखकर सर्वे किया गया।
पहला सवाल था अगर महागठबंधन नहीं बना तो ऐसी सूरत में क्या होगा। इस सूरत में बीजेपी को 55, बीएसपी को 9, समाजवाजी पार्टी को भी 9 और कांग्रेस को 5 सीट मिलने का अनुमान है जबकि दो सीट अन्य को मिल सकती हैं। दूसरा, अगर बीएसपी-एसपी और कांग्रेस साथ आए तो यानि महागठबंधन बना तो क्या होगा। हालांकि इसकी संभावना अभी कम दिख रही है लेकिन यदि महागठबंधन बन जाता है तो बीजेपी की सीटें घटकर 30, बीएसपी को 18, समाजवादी पार्टी को 21, कांग्रेस को 8 और अन्य को तीन सीट मिल सकती हैं।
अब तीसरा राजनीतिक समीकरण है कि अगर गठबंधन बने लेकिन कांग्रेस के बगैर। ऐसा होने की संभावना ज्यादा लग रही है। ऐसी सूरत में बीजेपी को 44, बीएसपी को 15 और समाजवादी पार्टी को 16 कांग्रेस को 2 और अन्य को तीन सीट मिलने का अनुमान है। यानि इस ओपिनियिन पोल से साफ है कि यूपी में बीजेपी को तभी रोका जा सकता है जब महागठबंधन बने। महागठबंधन भी ऐसा जिसमें बीएसपी-एसपी और कांग्रेस भी शामिल हों।
महागठबंधन बनने की सूरत में भाजपा को हो सकता है बड़ा घाटा।
यह सर्वे 18 से 60 वर्ष आयु वर्ग के 17,100 मतदाताओं के बीच हुआ, इनमें 8732 पुरुष और 8268 महिला मतदाता हैं। सर्वे के लिए जिन लोगों से सवाल पूछे गये, उनमें समाज के निचले तबके जैसे दर्जी, नाई, दिहाड़ी मजदूर, प्रवासी मजदूर, छोटे दुकानदार, मकैनिक और मध्य तथा ऊपरी तबके जैसे डॉक्टर और रियल एस्टेट डीलर शामिल हैं । सर्वे में ढाई प्रतिशत की ऊंच-नीच की संभावना है।